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PM Modi Lucknow Visit: पीएम मोदी की लखनऊ जनसभा में 400 बसें तैनात, दो दिन आम यात्रियों की बढ़ सकती है परेशानी

Prime Minister Narendra Modi public meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 दिसंबर को लखनऊ दौरे को लेकर तैयारियां तेज हैं। जनसभा के लिए 400 रोडवेज बसों की ड्यूटी लगाए जाने से 24 और 25 दिसंबर को आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कई प्रमुख रूटों पर बसों की कमी की आशंका है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 13, 2025

यूपी: पीएम मोदी के लखनऊ दौरे पर रोडवेज की 400 बसें ड्यूटी में, आम यात्रियों को दो दिन झेलनी पड़ सकती है परेशानी (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

यूपी: पीएम मोदी के लखनऊ दौरे पर रोडवेज की 400 बसें ड्यूटी में, आम यात्रियों को दो दिन झेलनी पड़ सकती है परेशानी (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

PM Modi Lucknow Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 दिसंबर को प्रस्तावित लखनऊ दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) की बड़ी संख्या में बसों को कार्यक्रम की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। इसका सीधा असर आम यात्रियों की परिवहन सुविधा पर पड़ने वाला है। जानकारी के अनुसार, लखनऊ परिक्षेत्र की 400 रोडवेज बसें प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में लगाई जाएंगी, जिससे 24 और 25 दिसंबर को कई प्रमुख रूटों पर बसों की भारी कमी देखने को मिल सकती है।

वसंत कुंज में होगा भव्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री करेंगे जनसभा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को लखनऊ आ रहे हैं। इस दौरान वह एलडीए की वसंत कुंज योजना में विकसित राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे। करीब 65 एकड़ क्षेत्रफल में तैयार इस स्थल पर विशाल जनसभा भी आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री देश और प्रदेश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर संबोधन करेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और प्रशासन की ओर से बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों को लाने की तैयारी की गई है। इसी वजह से रोडवेज बसों को जनसभा में लोगों को लाने और वापस उनके जिलों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

लखनऊ परिक्षेत्र की आधी बसें रहेंगी व्यस्त

लखनऊ परिक्षेत्र में रोडवेज का कुल बेड़ा करीब 900 बसों का है। इनमें से 400 बसों को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में लगाया जाएगा। यानी लगभग आधी बसें दो दिनों तक आम यात्रियों की सेवा से बाहर रहेंगी। परिवहन अधिकारियों के मुताबिक, ये बसें 24 दिसंबर से ही ड्यूटी में लग जाएंगी, क्योंकि उसी दिन विभिन्न जिलों से कार्यकर्ताओं को लखनऊ लाया जाएगा। 25 दिसंबर को कार्यक्रम समाप्त होने के बाद यही बसें कार्यकर्ताओं को उनके जिलों तक छोड़ेंगी और इसके बाद ही अपने-अपने डिपो में लौटेंगी।

24 और 25 दिसंबर को यात्रियों को होगी सबसे ज्यादा परेशानी

बसों की ड्यूटी कार्यक्रम में लगने के कारण 24 और 25 दिसंबर को आम यात्रियों को सबसे ज्यादा असुविधा का सामना करना पड़ेगा। खासकर उन यात्रियों को परेशानी होगी, जो रोजाना काम, इलाज, पढ़ाई या पारिवारिक कारणों से बसों पर निर्भर रहते हैं। रोडवेज से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन दो दिनों में बस स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी, बसों का इंतजार लंबा होगा, और कई रूटों पर बसों की संख्या बेहद सीमित रह सकती है।

इन आठ प्रमुख रूटों पर पड़ेगा ज्यादा असर

लखनऊ परिक्षेत्र की बड़ी संख्या में बसों के रैली में जाने से आठ प्रमुख रूटों पर संचालन सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इनमें-

  • लखनऊ – सीतापुर
  • लखनऊ – लखीमपुर
  • लखनऊ – कानपुर
  • लखनऊ – प्रयागराज
  • लखनऊ – वाराणसी
  • लखनऊ – गोंडा
  • लखनऊ – गोरखपुर

जैसे महत्वपूर्ण रूट शामिल हैं। इन मार्गों पर रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। बसों की कमी के चलते यात्रियों को या तो लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा या फिर वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना होगा।

जनसभा में एक लाख लोगों को लाने का लक्ष्य

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों को बसों के जरिए लाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी वजह से लखनऊ के अलावा प्रदेश के अन्य परिक्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में रोडवेज बसों को ड्यूटी में लगाया जा रहा है।

पूरे प्रदेश से करीब 2500 रोडवेज बसें इस कार्यक्रम में लगाई जाएंगी। इनमें-

  • हरदोई से 350 बसें
  • इटावा से 200 बसें
  • देवीपाटन परिक्षेत्र से 300 बसें
  • कानपुर से 350 बसें
  • गोरखपुर से 200 बसें
  • प्रयागराज से 200 बसें
  • अयोध्या से 150 बसें
  • वाराणसी से 100 बसें शामिल हैं।

ऑफ रूट बसें चलाने का दावा, लेकिन सवाल बरकरार

आम यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रोडवेज अधिकारियों का दावा है कि ऑफ रूट बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा। ऑफ रूट बसें वे होती हैं, जो आमतौर पर डिपो में खड़ी रहती हैं, या तो चालक की कमी के कारण या फिर मरम्मत के अभाव में। अधिकारियों के अनुसार, प्रदेशभर में औसतन 2400 बसें प्रतिदिन डिपो में खड़ी रहती हैं। इनमें से कुछ बसों को चालू कर यात्रियों को राहत देने की योजना है। हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि इन बसों को सड़कों पर उतारने में चालकों की कमी और तकनीकी खामियां बड़ी बाधा बन सकती हैं। ऐसे में यात्रियों को कितनी राहत मिलेगी, इस पर सवाल बने हुए हैं।

यात्रियों में नाराजगी, वैकल्पिक साधनों की तलाश

बसों की कमी की आशंका से ही कई यात्रियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। कुछ यात्रियों का कहना है कि त्योहार और शादी-ब्याह के सीजन में पहले ही बसों में भीड़ रहती है, ऊपर से दो दिनों तक बसों का संचालन प्रभावित होने से हालात और बिगड़ सकते हैं। कई लोग मजबूरी में प्राइवेट बस, टैक्सी या ट्रेन का सहारा लेने की योजना बना रहे हैं, जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ेगा।

रोडवेज प्रवक्ता का बयान

रोडवेज के प्रवक्ता अमरनाथ सहाय ने कहा कि  25 दिसंबर को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए प्रदेशभर से करीब ढाई हजार बसों की ड्यूटी लगाई जा रही है। लखनऊ परिक्षेत्र की 400 बसें भी इसमें शामिल हैं। किसी भी रूट पर बसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। चालकों की संख्या बढ़ाई जाएगी और ऑफ रूट बसों को भी चलाया जाएगा।


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