
लखनऊ/सुलतानपुर. Purvanchal Expressway- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवम्बर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल के लोगों के लिए तरक्की की राह खोलेगा। एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जिलों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार मिलेगा। दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाये जाएंगे। करीब 60 लाख लोगों को रोजगार मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इससे विकास की रफ्तार तेज होगी। इतना ही नहीं, गाजीपुर से अब सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली पहुंचा जा सकेगा। अब तक सड़क मार्ग के जरिये गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने 20 घंटे से इससे अधिक समय लगता है। यूपीडा की देखरेख में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थ व्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है। इसके अलावा टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा। सरकार का दावा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।
गोरखपुर और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे भी जुड़ेंगे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीव्रतम की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
लड़ाकू विमान भी उतर सकते हैं
सुलतानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 3.2 किमी लंबा रनवे बनाया गया है। इस पर लड़ाकू विमान भी उतर सकते हैं। आपातकालीन आवश्यकता पड़ने पर एयरफोर्स के लड़ाकू विमान भी इस पर लैंडिंग कर सकते हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक नजर में
शिलान्यास : 14 जुलाई 2018 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया
प्रारंभिक स्थान : एनएच 731 के लखनऊ-सुलतानपुर रोड पर स्थित लखनऊ का चांदसराय गांव
अंतिम स्थान : एनएच 19 पर गाजीपुर का हैदरिया गांव (यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किमी पहले)
ले आउट : पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी
परियोजना की लागत : 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत
नौ जिलों को लाभ : लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर
Published on:
13 Nov 2021 04:41 pm
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