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क्या DGP प्रशांत कुमार को मिलेगा एक्सटेंशन या राजीव कृष्ण-दलजीत सिंह चौधरी को मिलेगी कमान? समझें क्या कहते हैं नियम

उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल 31 मई को खत्म होने वाला है। सरकार को नए डीजीपी का चयन करना है, अब सरकार नया डीजीपी बनाएगी या प्रशांत कुमार के कार्यकाल को ही आगे बढ़ाएगी। पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...

उत्तरप्रदेश को जल्द ही नया DGP मिलने वाला है। 11 मई 2022 से मुकुल गोयल के हटने के बाद प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी से काम चलाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक DGP प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके पहले ही सरकार को नए डीजीपी का ऐलान करना है। आइए जानते हैं डीजीपी के चयन प्रक्रिया कैसे होती है और इसमें UPSC और राज्य सरकार के क्या नियम हैं।

UPSC को भेजी जाती है लिस्ट

DGP के चयन में चली आ रही प्रक्रिया के अनुसार यूपी सरकार संघ लोक सेवा आयोग को DG पद के सभी अफसर का नाम भेजती है। संघ लोक सेवा आयोग से पहले केंद्र का डिपार्मेंट ऑफ पर्सनल ट्रेंनिंग यानी डीओपीटी तीन सीनियर मोस्ट अधिकारियों का पैनल बनाकर भेजता है। इन अधिकारियों का कम से कम कार्यकाल 2 साल का हो। राज्य सरकार उन DG अफसरों का नाम नहीं भेजती है, जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम का हो। संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा भेजे गए तीन अफसरों के नाम में एक अफसर को डीजीपी बनाया जाता है।

यूपी सरकार ने DGP चयन के बदले नियम

अब उत्तर प्रदेश के डीजीपी का चयन हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। इस कमेटी में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अध्यक्ष होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक व्यक्ति, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या वहां से नामित व्यक्ति, प्रमुख सचिव गृह, एक रिटायर्ड DGP जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस में काम किया हो, यह कमेटी स्थायी डीजीपी का चयन करेगी. कैबिनेट से पारित प्रस्ताव के अनुसार, नई व्यवस्था में बनाए गए डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा।

योगी सरकार ने क्यों किया ये बदलाव? 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार के मानक पर खरे उतरने वाले अफसरों की उसे कमी लगातार महसूस हो रही थी। सरकार जिन अफसरों को DGP बनाना चाहती थी वह अफसर जूनियर थे, जिनको डीजीपी बनाने के लिए संघ लोक लोक सेवा आयोग के मानक आड़े आ रहे थे। लेकिन, कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास होने के बाद संघ लोक सेवा आयोग का दखल खत्म हो सकता है।

अभी तक नहीं बनी कमेटी

कार्यवाहक DGP प्रशांत कुमार के सेवानिवृत्त होने में अब मात्र 18 दिन शेष बचे हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब तक DGP चयन के लिए कोई कमेटी गठित नहीं की है और न ही संघ लोक सेवा आयोग को कोई सूची भेजे जाने की खबर है। ऐसे में संभावना उठ रही है कि क्या योगी सरकार DGP प्रशांत कुमार के कार्यकाल को बढ़ाएगी? 

3 महीने सरकार कर सकती है एक्सटेंशन

रूल 16 में प्रावधान है कि किसी भी अधिकारी को तीन महीने का एक्सटेंशन गवर्मेंट ऑफ इंडिया के परमिशन से दिया जा सकता है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या डीजीपी प्रशांत कुमार ही पद पर बने रहेंगे और उनका कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ा दिया जाएगा।

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DGP की रेस में यह नाम हैं आगे

इसी महीने मई माह के अंत में तीन डीजी रैंक के अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरड़े शामिल हैं। इसके बाद आईपीएस अफसरों की वरिष्ठता सूची में अहम बदलाव होगा, यूपी में डीजीपी पद के लिए राजीव कृष्ण का नाम सबसे आगे चल रहा है, राजीव कृष्ण 1991 बैच के आईपीएस हैं, हलांकि सरकार को राजीव कृष्ण को डीजीपी बनाने के लिए 10 अफसरों को इग्नोर करना पड़ेगा। इसके अलावा दलजीत सिंह चौधरी और एमके बशाल के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। अगर UPSC के अनुसार चयन हुआ तो आदित्य मिश्रा, संदीप सांलुके और रेणुका मिश्रा को प्राथमिकता मिलेगी। वहीं तिलोत्तमा वर्मा, आलोक शर्मा और पीयूष आंनद का नाम भी सूची में है।