
24 घंटे में प्रियंका ने कांग्रेस में फूंक दी जान, सभी कांग्रेसी हुए सक्रिय
लखनऊ. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की एक जिद ने निष्क्रिय पड़ी कांग्रेस में जान फूंक दी है। सोनभद्र गोलीकांड (Sonbhadra Goli Kand) पर सियासत शुरू करके प्रियंका गांधी ने दिखा दिया कि आज भी गांधीगिरी के रास्ते बहुत कुछ किया जा सकता है। प्रियंका गांधी की जिद पर न केवल प्रशासन को झुकना पड़ा, बल्कि एसी रूम में बैठकर राजनीति करने वाले कांग्रेसियों को भी चिलचिलाती धूप में घर से निकलने को मजबूर कर दिया है। मामले में प्रियंका के सक्रिय होते ही लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में कांग्रेसियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। देश भर में कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों ने विरोध जताया तो रात भर कांग्रेस राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सरकार पर लगातार हमलावर हैं। सोनभद्र की घटना ने उन्हें सरकार को घेरने का एक बड़ा मौका दे दिया। प्रियंका को सोनभद्र जाने से रोके जाने के बाद लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में कांग्रेसियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रियंका पीड़ितों से मिलने की जिद पर अड़ गईं, उनकी जिद को देखते हुए प्रशासन ने 24 घंटे बाद सोनभद्र नरसंहार के चार पीड़ित परिवार की महिलाओं को गेस्ट हाउस में बुलाया, जिन्होंने प्रियंका गांधी ने भेंट की। इसके बाद प्रियंका गांधी ने धरना खत्म कर दिया है। गौरतलब है कि बीते दिनों सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जमीन विवाद के चलते 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हिरासत में लिये जाने के बाद प्रियंका चुनार किला गेस्ट हाउस के बाहर ही धरने पर बैठ गई थीं।
मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद प्रियंका गांधी सूबे के घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए थीं। लगातार कांग्रेसियों की बैठक के अलावा वह कानून-व्यवस्था को लेकर आये दिन योगी सरकार पर निशाना साध रही थीं। सोनभद्र नरसंहार के प्रकरण मामले में न केवल प्रियंका खुद मैदान में कूदीं, बल्कि प्रदेश भर में कांग्रेसियों ने यलगार कर दिया। मामले में यूपी ही दिल्ली तक कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया। प्रकरण में जिस तरह से प्रियंका गांधी और कांग्रेसियों ने अब तक योगी सरकार को घेरा है, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ही मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। सोनभद्र मामले में एक ओर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का शीर्ष नेतृत्व महज लखनऊ से बयानबाजी तक ही सीमित है, वहीं, प्रियंका गांधी ने जमीन पर उतर कर यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जगह-जगह कांग्रेसियों का प्रदर्शन
सोनभद्र के पीड़ितों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को शुक्रवार को मिर्जापुर में हिरासत में ले लिया गया था, जिसके बाद प्रदेश भर के कांग्रेसी सड़कों पर उतर आये। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंकने के साथ ही जगह-जगह कांग्रेसियों ने गिरफ्तारी दी। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी सहित कांग्रेसियों ने गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। शनिवार को प्रियंका गांधी चुनाव किला गेस्ट हाउस के बाहर ही धरने पर बैठ गईं। सोनभद्र प्रकरण से नई भूमिका में उतरीं प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस ने मजबूती से कदम आगे बढ़ा दिये हैं। कांग्रेस पहले ही तय कर चुकी है कि पार्टी यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव प्रियंका के चेहरे पर ही लड़ेगी।
राज्यपाल से मिला कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल
लखनऊ में कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंककर विरोध जताया तो शनिवार को प्रमोद तिवारी की अगुआई में कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रमोद तिवारी ने कहा कि यूपी सरकार नहीं चाहती है कि कोई पीड़ितों से मिले और उनका दर्ज जाने। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं।
Updated on:
20 Jul 2019 07:12 pm
Published on:
20 Jul 2019 02:23 pm
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