27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बायलर प्लांट के सर्टिफिकेशन को लेकर भी उठने लगे सवाल, NTPC ने जल्दबाज़ी में किया प्लांट का इस्तेमाल?

किसी भी बायलर प्लांट का बिना इंस्पेक्शन और सर्टिफिकेशन के बिना संचालन नहीं किया जा सकता।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Dikshant Sharma

Nov 01, 2017

NTPC, NTPC Blast

NTPC

लखनऊ। पूरे देश में बने बॉयलर प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए नियम बनाए गए हैं। नियम इतने सख्त हैं कि यदि इन पर अमल न किया जाए तो प्लांट सीज भी किया जा सकता है। किसी भी बायलर प्लांट का बिना इंस्पेक्शन और सर्टिफिकेशन के बिना संचालन नहीं किया जा सकता। प्रदेश में मौजूदा समय में 3270 बायलर हैं। मौके पर डायरेक्टरेट ऑफ़ बायलर की टीम भी पहुँच चुकी है। दरअसल जांच के बाद गाज डायरेक्टरेट ऑफ़ बायलर पर भी गिरनी लगभग तय है। दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्र्रल सेफ्टी मॉनिटरिंग सेल में इस सम्बन्ध में रिपोर्ट मांगी है। अचानक इस घटने के बाद रिपोर्ट तलब करना अपने आप में कई तरह के सवाल खड़ा करता है।

एनटीपीसी के ऊंचाहार स्थित इस प्लांट में पांच यूनिट हैं, जिसमें से प्रत्येक की क्षमता 210 मेगावाट है. यहां 1988 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। हादसे के बाद उस यूनिट को सील कर दिया गया है और वहां किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। जिस यूनिट में हादसा हुआ है वे यूनिट हाल ही शुरू की गयी थी। फिलहाल ये अंडर ट्रायल थी। इसलिए अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि एनटीपीसी की ओर से आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे की गयी ? फिलहाल इस हादसे के बाद बायलर प्लांट का सर्टिफिकेशन एनटीपीसी को दोबारा कराना होगा।

खुद सूबे और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री गुरूवार को रैबरेली जाएंगे। इस दौरान वे उन सब मुद्दों पर अधिकारीयों से सवाल करेंगे जो हादसे की वजह बने। इस विजिट के बाद ही स्थिति साफ़ हो पाएगी। फिलहाल मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन का काम तेज़ी से चल रहा है। राजधानी से डॉक्टरों की टीम एम्बुलेंस के साथ ऊंचाहार पहुँच चुकी हैं।

बताते चलें कि अभी तक 15 मजदूरों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक मजदूर झुलस गए हैं। सूत्रों की मानें तो मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल राहत और बचाव जारी है।