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Railway News: 35 घंटे लेट ट्रेनें बनीं यात्रियों की मुसीबत: गर्मी, धूप और अनिश्चितता से बेहाल मुसाफिर

Lucknow Railway Station: लखनऊ और गोरखपुर रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की परेशानी चरम पर पहुंच गई, जब कई स्पेशल ट्रेनें 9 से लेकर 35 घंटे तक की देरी से चलीं। यात्रियों को बिना सूचना घंटों प्लेटफॉर्म पर भटकना पड़ा। गर्मी, धूप और सुविधाओं की कमी ने स्थिति को और भी खराब बना दिया।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

May 05, 2025

समर स्पेशल और गरीब रथ जैसी ट्रेनों की बेतहाशा देरी से हजारों यात्रियों का बिगड़ा सफर; जिम्मेदार तंत्र मौन

समर स्पेशल और गरीब रथ जैसी ट्रेनों की बेतहाशा देरी से हजारों यात्रियों का बिगड़ा सफर; जिम्मेदार तंत्र मौन

Railway Update: गर्मी और छुट्टियों के मौसम में रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही समर स्पेशल और विशेष ट्रेनें, अब यात्रियों के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं। लखनऊ, गोरखपुर, सहरसा और दिल्ली के बीच चलने वाली कई ट्रेनें 9 से लेकर 35 घंटे तक की देरी से चल रही हैं, जिससे हजारों यात्री बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ट्रेनों की भारी देरी ने न केवल यात्रियों के धैर्य की परीक्षा ली, बल्कि गर्मी, धूप और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने यात्रियों की परेशानियों को दोगुना कर दिया।

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यात्रा में नहीं राहत, सिर्फ इंतजार

शुक्रवार को लखनऊ आने वाली 05578 गरीब रथ स्पेशल ट्रेन, जो आनंद विहार से सहरसा जाती है, 15:00 बजे पहुंचनी थी, लेकिन यह ट्रेन शनिवार रात 2:00 बजे पहुंची, यानी करीब 35 घंटे की देरी। इस देरी के चलते चारबाग रेलवे स्टेशन पर हजारों यात्रियों ने फर्श पर रात गुजारी। “हमने समय पर टिकट कराया था, बच्चों के साथ सफर कर रहे थे, लेकिन ट्रेन 35 घंटे लेट आई। खाने-पीने की भी दिक्कत थी। कोई सुनने वाला नहीं था,” यह कहना है बिहार जा रहे राकेश कुमार का, जो स्टेशन पर पूरे परिवार संग भटकते दिखे।

घंटों की देरी बना रूटीन

  • एक-दो ट्रेनें नहीं, बल्कि कई समर स्पेशल ट्रेनों की हालत एक जैसी है।
  • 04011 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार समर स्पेशल ट्रेन: 10 घंटे लेट
  • 03312 चंडीगढ़-धनबाद स्पेशल: 9 घंटे की देरी
  • 04029 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार स्पेशल: 9 घंटे लेट
  • अवध आसाम एक्सप्रेस, गरीब रथ, झांसी पैसेंजर: 2 से 4 घंटे लेट
  • इनमें से अधिकांश ट्रेनों में लंबी दूरी के यात्री होते हैं, जिनके लिए हर घंटा महत्त्वपूर्ण होता है, लेकिन रेलवे की तरफ से न कोई पुख्ता सूचना, न ही राहत का इंतज़ाम।

सूचना और सुविधा में कमी

ट्रेनों की देरी पर न तो स्टेशन पर कोई साफ़ जानकारी उपलब्ध थी, और न ही मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर समय की सटीक स्थिति। मुसाफिर घंटों तक प्लेटफॉर्म बदलते रहे, स्टाफ से पूछते रहे लेकिन ठोस जवाब नहीं मिला। चारबाग स्टेशन के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “कई बार हमें भी नहीं पता होता ट्रेन कहां तक पहुंची है, आदेश ऊपर से आते हैं। देर का असली कारण अक्सर पटरियों की मरम्मत, नॉन इंटरलॉकिंग या क्रू की कमी होती है।”

गोरखपुर-एलटीटी ट्रेन रद्द, यात्री भटकते रहे

रविवार को गोरखपुर से मुंबई जाने वाली 20104 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस रद्द कर दी गई। लखनऊ समेत कई स्टेशनों पर यात्री दिनभर लाइन में खड़े रहे, कुछ को तो यह तक नहीं पता चला कि ट्रेन कैंसिल हो चुकी है। रेलवे प्रशासन की तरफ से कोई वैकल्पिक व्यवस्था या पूर्व सूचना न दिए जाने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

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गोरखपुर सेक्शन पर ट्रेनों की वापसी से थोड़ी राहत

हालांकि, रविवार से गोरखपुर जंक्शन से गोरखपुर कैंट के बीच तीसरी लाइन के निर्माण कार्य पूरा होने और निरीक्षण के बाद स्थिति कुछ हद तक सामान्य हुई। नवनिर्मित ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। जिन ट्रेनों को बदले रूट से चलाया जा रहा था या रद्द किया गया था, उनका नियमित संचालन शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार, "15009 गोरखपुर-पीलीभीत एक्सप्रेस" का शॉर्ट ओरिजिनेशन भी अब समाप्त कर दिया गया है।

यात्रियों की मांग: समय पालन और जवाबदेही

लगातार लेट हो रही ट्रेनों और रेलवे की खामोशी ने यात्रियों को सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी यात्रियों ने रेलवे की लापरवाही को लेकर जमकर आलोचना की है।“अगर रेलवे स्पेशल ट्रेन चला रहा है, तो उसकी टाइमिंग भी स्पेशल क्यों नहीं होती?” - यह सवाल अब आम होता जा रहा है।

यात्री अब चाहते हैं कि:

  • ट्रेन संचालन में पारदर्शिता हो
  • देरी की स्थिति में वैकल्पिक इंतजाम हो
  • प्लेटफॉर्म पर समुचित सूचना व्यवस्था हो
  • ट्रेनों के समय पालन को प्राथमिकता दी जाए