
लखनऊ. 1983 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राज प्रताप सिंह राज्य विद्दुत नियामक आयोग के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। वर्तमान में ये कृषि उत्पादन हैं और बेसिक शिक्षा व खनिकर्म विभाग में अपर मुख्य सचिव का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। हालांकि, राज प्रताप सिंह का कहना है कि अभी आदेश नहीं मिला है इसलिए इसके बिना कार्यभार ग्रहण करने और इस पर ज्यादा बातचीत न करना ही सही रहेगा।
राज प्रताप सिंह का कार्यकाल जुलाई तक ही है। इसलिए इस नए पद को संभालने के लिए उन्हें आईएएस से त्याग देना पड़ेगा, जिसमें कि थोड़ा वक्त लग सकता है।
विद्दुत नियामक आयोग के अध्यक्ष और सदस्य के चयन के लिए जस्टिस एएन मित्तल की अध्यक्षता वाली तयन समिति की बैठक हुई थी, जिसमें इनका और राज प्रताप सिंह का नाम चुना गया था।
इनकी उपलब्धि और कार्य करने के तरीके से प्रभावित होकर इन्हें इस पोस्ट के लिए चुना गया है। बड़े पद के साथ ही बड़ी जिम्मेदारी भी हाथ आई है। आईएएस से अध्यक्ष बने राज प्रताप सिंह के कार्यभार ग्रहण करने का आदेश अभी नहीं हुआ है।
इन्हें नियुक्त किया गया आयोग का सदस्य
एनटीपीसी के सेवानिवृत निदेशक कौशल किशोर शर्मा को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुथ सचिव ऊर्जा आलोक कुमार की मौजूदगी में दोनों ही अधिकारियों को नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं।
बैंक के सलाहकार भी रह चुके हैं राज प्रताप सिंह
राज प्रताप सिंह अन्य भी की पदों का कार्यभार संभाल चुके हैं। वे 1998 से नवंबर 1999 तक नियामक आयोग के सचिव रह चुके हैं। इसके साथ ही वे विश्व बैंक में सलाहकार और पीएमओ भी रह चुके हैं। राज प्रताप सिंह इससे पहले कई बड़े पदों का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। हालांकि, उन्हें अभी तक आदेश नहीं मिला है इसलिए आदेश के बिना कार्यभार ग्रहण नहीं किया जा सकता है।
Published on:
20 Mar 2018 05:46 pm
