
पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव
UP politics News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को दोहरा झटका लगा है। बीते दिन मंगलवार 13 फरवरी को एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दिया है। तो वहीं अपना दल कमेरावादी( Apna Dal camera vadi) की नेता पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने राज्यसभा के चुनाव में सपा के प्रत्याशी को वोट न देने का फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिराथू विधानसभा सीट से विधायक बनी पल्लवी पटेल इस महीने होने वाले राज्यसभा के चुनाव में सपा द्वारा खड़े किए गए तीनों प्रत्याशियों को वोट नहीं देगी। अखिलेश यादव द्वारा खड़े किए गए प्रत्याशियों से पल्लवी पटेल नाखुश बताई जा रही हैं।
अपना दल कमेरावादी के सूत्रों की मानें तो पल्लवी पटेल ने यह स्पष्ट किया है कि जया बच्चन और आलोक रंजन को सपा ने जिस तरीके से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। इससे समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने पीडीए (PDA) की रणनीति के विपरीत काम किया है। पल्लवी पटेल सपा के साथ 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के पहले से हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में उन्होंने कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस दौरान पल्लवी पटेल भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को हराया था।
पल्लवी पटेल सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। सोनेलाल पटेल की मूल पार्टी अपना दल (एस) पल्लवी पटेल की छोटी बहन अनुप्रिया पटेल के कब्जे में है। अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल बीजेपी के सहयोग से केंद्र और प्रदेश में मंत्री हैं। अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल के बीच में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई भी लंबे समय से चल रही है। अलग अलग समय पर पिता सोनेलाल पटेल की जयंती मनाने को लेकर दोनों में प्रतिद्वंदिता भी देखने को मिली। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि यदि पल्लवी पटेल सपा प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगी तो क्या वह बीजेपी के पक्ष में वोट देंगी ? अगर वह भाजपा के पक्ष में वोट देती हैं। तो क्या भारतीय जनता पार्टी दोनों बहनों की पार्टियों के साथ सामंजस्य बना पाएगी ?
Published on:
14 Feb 2024 08:57 am
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