
मीन और मिथुन लग्न में करें कलश स्थापना
लखनऊ के दुर्गा मंदिर के पंडित मार्कण्डेय शुक्ला ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर बसन्तीय नवरात्र शुरू होते हैं। इसी दिन घट यानि कलश स्थापना किया जाता है। इसमें सूर्योदय बहुत ही शुभ फल दायक होता है। श्रीमद् देवी भागवत पुराण में कहा गया है कि सुबह देवी का आवाहन, कलश स्थापित करें और सुबह ही पूजा करें तथा सुबह ही विसर्जन करना चाहिए।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
उन्होंने कहा कि सूर्योदय से 10 घंटे यानि 4 घंटे की अवधि सुबह मानी गई है। साथ ही, चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग को में स्थापना नहीं करनी चाहिए । 22 मार्च दिन बुधवार को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा उदय व्यापिनी है, अतः इसी दिन सुबह ही घट-स्थापना होगी। इस दिन वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र नहीं है। इसलिए बसन्त नवरात्र के दिन पूजा और घट स्थापना सुबह 5 बजे से 9 बजे अंदर ही करनी चाहिए।
मीन और मिथुन लग्न में करें कलश स्थापना
इसमें द्विस्वभाव लग्न को वरीयता दी जाती है। इस प्रकार मीन और मिथुन लग्न में कलश स्थापना करना बहुत ही सही रहता है। चूँकि घट स्थापना बुधवार को की जा रही है, इसलिए कलश स्थापना में अभिजीत मुहूर्त का प्रयोग नहीं जाएगा। पंडित शुक्ला ने कहा कि अगर देवी की स्तुति सुबह की जाए वह बहुत ही ज्यादा फलदायी होती है।
Updated on:
17 Mar 2023 09:14 am
Published on:
17 Mar 2023 08:42 am
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