
पहले चरण में विराजमान रामलला को यथोचित स्थान पर प्रतिष्ठित कर निर्माण स्थल को खाली किया जाएगा
लखनऊ. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद भव्य राम मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए रामलला को अधिग्रहीत परिसर में ही स्थित मानस भवन में शिफ्ट किया जाएगा। कोर्ट से इसी हफ्ते इसको लेकर आदेश आ सकता है। इसके बाद रामलला के दर्शन-पूजन का नया टाइम-टेबिल जारी किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु ज्यादा समय तक भगवान राम के दर्शन कर सकें और उधर, राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद एक बार फिर से चंदा लेने की मुहिम शुरू करने जा रही है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होेने तक रामलला अधिग्रहीत परिसर में ही स्थित मानस भवन में रहेंगे। कोर्ट से इसी हफ्ते इसको लेकर आदेश आ सकता है। जिला प्रशासन ने इसके लिए श्रीराम चरित मानस ट्रस्ट के प्रबंधन से पूछा कि क्या वह भगवान राम का विग्रह (मंदिर में स्थित मूर्तियां) लेना स्वीकार करेंगे। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन कर दिया है। अब भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी है। पहले चरण में विराजमान रामलला को यथोचित स्थान पर प्रतिष्ठित कर निर्माण स्थल को खाली किया जाएगा। इसके लिए मानस भवन को उपयुक्त स्थान माना गया है। रामलला के स्थान परिवर्तन के बाद ही जमीन का समतलीकरण कराकर निर्माण कार्य की प्रकिया शुरू की जाएगी।
मानस भवन के व्यवस्थापक भगीरथ पचेरीवाला ने बताया कि 1993 में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था। अधिग्रहण के कुछ वर्षों के बाद से ही मानस भवन में पूजा-अर्चना बंद है। फिर से मुकदमा दायर कर भगवान के विग्रह को लौटाने की मांग की गई है, जिसमें इसी हफ्ते आदेश आ सकता है। इसके बाद रामलला को मानस भवन लाया जाएगा।
जल्द होगा रामलला के दर्शन-पूजन का नया टाइम-टेबिल
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जल्द ही रामलला के दर्शन-पूजन और आरती की नया टाइम-टेबिल जारी कर सकता है। नई समय सारिणी तैयार करते वक्त श्रद्धालुओं की सहूलियतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सुरक्षा कारणों से अभी तक थोड़े समय के लिए ही भगवान के दर्शन होते थे, जिसके चलते तमाम भक्तों को दर्शन किये बिना ही लौटना पड़ता था। रामलला के भक्तों को चढ़ावे के रूप में अभी सिर्फ रामदाना और मिश्री ले जाने की अनुमति है। इससे जहां भक्तों को निराशा होती थी, वहीं चढ़ावे का भी नुकसान होता था। अब नया ट्रस्ट अन्य मंदिरों की तरह दर्शन अवधि में बदलाव करेगा। साथ ही रामलला की पांच बार होने वाली आरती से भी भक्तों को जोड़ने का इंतजाम करेगा। साथ ही श्रद्धालुओं को पेयजल, प्रशाधन आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। ट्रस्टी बोर्ड के गठन के बाद शासन-प्रशासन इन सभी बिंदुओं पर रणनीति तय करेगा।
मंदिर निर्माण के लिए विहिप फिर से लेगी चंदा
राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद एक बार फिर से चंदा लेने की मुहिम शुरू करेगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद विहिप यह अभियान शुरू करेगी। विहिप पदाधिकारियों का कहना है कि अयोध्या आंदोलन के दौरान जिस तरह से हिंदुओं ने सवा-सवा रुपये का चंदा दिया था, उसी तर्ज पर मंदिर निर्माण के लिए भी चंदा लिया जाएगा। विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी बताते हैं कि ट्रस्ट की बैठक में तय हो सकता है कि चंदे की राशि कितनी होगी। कहा कि इस ट्रस्ट का अभी बैंक एकाउंट आदि भी खुलना है। इसी वजह से विहिप अभी यह मुहिम शुरू नहीं कर रही है। पहली बैठक के बाद ही बैंक अकाउंट आदि खोले जाने की औपचारिकता पूरी होगी। उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हिंदुओं की सहभागिता से तब करोड़ों रुपये चंदे के रूप में एकत्र हुए थे। उसी रकम से पिछले कई वर्षों से पत्थर तराशने का काम चल रहा है। अभी खाते में करीब एक करोड़ से ज्यादा की रकम शेष है।
Updated on:
08 Feb 2020 04:20 pm
Published on:
08 Feb 2020 03:53 pm
