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RSS चीफ मोहन भागवत बोले, नौकरी से सबको नहीं मिल सकता रोजगार, बढ़ती बेरोजगारी बड़ी समस्या

Latest statement of RSS chief:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि नौकरी से देश में सभी लोगों को रोजगार मिलना संभव नहीं है। कहा कि नौकरी मिलना अच्छी बात है, लेकिन एक हद तक ही नौकरी दी जा सकती है। लिहाजा उन्होंने स्वरोजगार पर बल दिया।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Nov 18, 2024

RSS chief Dr. Mohan Bagwat received grand welcome in Uttarakhand

संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का पिथौरागढ़ में स्वागत किया गया

Latest statement of RSS chief:आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का नौकरियों को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। आरएसएस प्रमुख इन दिनों उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में प्रवास पर आए हुए हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ के मुवानी में नवनिर्मित शेर सिंह कार्की विद्यालय भवन का मुख्य अतिथि के तौर पर लोकार्पण किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी बड़ी समस्या बनती जा रही है। सभी को सरकारी नौकरी देना, किसी व्यवस्था, सरकार या संगठन के बस में नहीं है। इसका हल स्वरोजगार से निकाला जा सकता है। भागवत ने कहा कि नौकरी मिलना अच्छी बात है, लेकिन एक हद तक ही नौकरी दी जा सकती है। कहा कि 10 प्रतिशत लोगों को भी सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है। स्वरोजगार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार यानी स्वरोजगार है।

कृषि, सहकारिता से मिलते हैं रोजगार

आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत जैसे जनसंख्या वाले देश में अधिकतर रोजगार कृषि, सहकारिता, लघु उद्योगों से मिलते हैं, नौकरी से नहीं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कार्यों की भी सराहना की। कहा कि देश के विकास के लिए प्रत्येक भारतीय को जिम्मेदारी निभानी होगी। भागवत ने कहा कि कुछ लोग काम करेंगे बाकी लोग फल लेंगे, ऐसा अब नहीं चलेगा, सबको काम करना होगा, तभी देश का विकास हो सकता है।

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आजीविका देने वाले प्रशिक्षण को बढ़ाएं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आजीविका देने वाले प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से लोग स्थिर हो जाएंगे और पलायन नहीं होगा। इसके प्रयोग भारत में हो चुके हैं। आरएसएस प्रमुख ने मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के 500 गांवों के लिए ऐसा सोचा गया और वहां रोजगार का प्रशिक्षण है, खेती का प्रशिक्षण है। इससे लोगों ने बाहर जाना छोड़ दिया है।