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Lucknow Rumi Darwaza: मोहर्रम के बाद 5 महीने बंद रहेगा रूमी दरवाजा, नए साल में दिखेगा उड़द की दाल, खीरा और गोंद का ‘रंग’

Lucknow Rumi Darwaza: पूरी दुनिया में प्रसिद्घ लखनऊ का रूमी दरवाजा मोहर्रम के बाद 5 महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा। नए साल में यह अपने मूलरूप में दिखेगा। फिलहाल इसकी मरम्मत चल रही है। आइए बताते हैं नयेपन में क्या विशेष रहेगा?

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लखनऊ

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Vishnu Bajpai

Jul 27, 2023

Rumi Darwaza closed 5 month after Muharram in Lucknow

लखनऊ में पांच महीने बंद रहेगा रूमी दरवाजा।

Lucknow Rumi Darwaza: पूरी दुनिया में प्रसिद्घ लखनऊ का रूमी दरवाजा मोहर्रम के बाद 5 महीने के लिए बंद कर दिया जाएगा। नए साल में यह अपने मूलरूप में दिखेगा। फिलहाल इसकी मरम्मत चल रही है। फिलहाल नए साल तक विश्व पटल पर लखनऊ की पहचान रूमी दरवाजे के दीदार के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कई जगह से दरक रहे रूमी दरवाजे की मरम्मत का कार्य 50 फीसदी हो चुका है। शेष कार्य इसी साल के अंत तक पूरा करने का प्रयास है। फिलहाल मोहर्रम के दौरान इसे कुछ दिन के लिए खोला जाएगा। इसके बाद फिर संवारने के लिए बंद कर दिया जाएगा।

1784 से 1786 के आसपास हुआ था इसका निर्माण
पर्यटन विभाग के अनुसार 60 फुट ऊंचे रूमी दरवाजे को तुर्की शैली में बनाया गया था। अवध के नवाब आसिफुद्दौला ने रूमी दरवाजा और इमामबाड़े का निर्माण लगभग साथ में ही कराया था। इसका निर्माण साल 1784 से 1786 के आसपास हुआ था। इसका निर्माण आसिफुद्दौला ने 1784 में पड़े अकाल के दौरान रोजगार सृजन के लिए कराया था। रूमी दरावाजा समय के साथ जर्जर होता गया।

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इसके गुम्बद के भीतरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। साथ ही बाहरी हिस्से में दरारें आई हैं। दरवाजे पर उकेरे गए अलंकरणों के प्लास्टर गिर गए हैं। नीचे की ओर भी इसको काफी क्षति पहुंची है। एएसआई के अनुसार यह क्षति तीन से चार दशक के दौरान पहुंची है। रूमी दरवाजे के शीर्ष हिस्से को अष्टकोणीय छतरी से सजाया गया है। पहले छतरी तक सीढ़ी से जाने का रास्ता भी था। रूमी दरवाजे पर फूलों की कलियों की नक्काशी है। इसके लखनऊ का प्रवेश द्वार कहा जाता है।

पिछले साल दिसंबर से चल रहा है मरम्मत कार्य
रूमी दरवाजे की मरम्मत का कार्य एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कर रहा है। एएसआई के अधीक्षक आफताब हुसैन ने बताया कि इसकी मरम्मत में वही सामग्री प्रयोग हो रही है जो निर्माण के समय हुई थी। यानी इसे चूना, गोंद, उड़द की दाल, खीरा, बेल गिरी यानी बेल का पानी, मौरंग और सुर्खी से संवारा जा रहा है। बन जाने के बाद यह अपने मूल स्वरूप में वापस दिखाई देने लगेगा। जैसा कि तब दिखता था जब इसका निर्माण किया गया था।

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उन्होंने बताया कि रूमी दरवाजे में कई जगह दरारें आने के बाद पिछले साल दिसम्बर में इसे बंद कर दिया गया था। रूमी दरवाजे के नीचे से वाहनों के गुजरने के कारण होने वाले कंपन से इसे नुकसान पहुंच रहा था। ऐसे में एएसआई के सुझाव पर जिला प्रशासन ने रूमी दरवाजे के नीचे से आवाजाही बंद करा दी थी। इसके बाद से एएसआई लगातार इसकी मरम्मत करवा रहा है। एएसआई के अध्यक्ष आफताब हुसैन ने बताया कि जब इसकी मरम्मत का कार्य पूरा हो जाएगा तब इस कार्य में आने वाले खर्च का आकलन किया जाएगा।