
Mumbai High Court Vakil Abha Singh And DGP Sulkhan
क्यों शशि थरूर को उसी वक़्त एम्ज़ में अड्मिट होने की ज़रूरत पड़ी जब वहाँ सुनंदा का पोस्ट्मॉर्टम चल रहा था?
एम्ज़ द्वारा तीन बार विसरा की जाँच में ज़हर से मौत की पुष्टि हुई तो फिर विसरा को एक साल बाद अमेरिकन लैब में क्यों भेजा गया जिसकी रिपोर्ट में ज़हर की पुष्टि नहीं हुई?
बड़ा सवाल यह भी है कि अगर सुनन्दा की मृत्यु ड्रग ओवरडोज़ से नहीं हुई, ज़हर से नहीं हुई और किसी बीमारी से भी नहीं तो आख़िर किस वजह से हुई?..
ये अंश हैं सोशल ऐक्टिविस्ट और ऐडवोकेट आभा सिंह की पुस्तक "स्त्री दशा और दिशा" नामक किताब में है।
किताब में सुनंदा और शीना बोरा के रहस्य से पर्दा उठाया गया
सुनंदा और शीना बोरा जैसे कई रहस्यमय हाई प्रोफ़ाइल केसों के दबे-छुपे सवालों को बेबाक़ी से उठाती है उनकी किताब जो उन्होंने नसीम अंसारी कोचर के साथ लिखी है। महिलाओं को दिए गए क़ानूनी अधिकारों और उसे हासिल करने के तरीक़ों की जानकारी भी है इसमें।
रण समर फाउंडेशन के तहत महिलाओं को मिलेगी मदद
आभा सिंह ने बताया कि रण समर फाउंडेशन के तहत www.ransamar.com के तहत एक प्लेटफॉर्म दिया जाएगा जिसमें महिलाएं अपनी शिकायत बता सकती हैं। जो महिला कानूनी सलाह मांगेगी तो हमारी संस्था उसकी मदद करेगी। मैं उसके केस में पूरा सहयोग करूंगी। उन्होंने मुंबई लोकल ट्रेन में एक महिला के साथ चेन स्नेचिंक केस की चर्चा की। उस घटना में महिला की मौत हो गई थी। महिला लखनऊ की रहने वाली थी और मैंने उसका केस लड़ा और उसको न्याय दिलाया।
Published on:
30 Jul 2017 01:55 pm
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