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अब कुछ ऐसा होगा संस्कृत स्कूलों का सिलेबस

यूपी माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद अब 44 साल बाद पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।

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लखनऊ. योगी सरकार आते ही संकेत मिल गए थे कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड में अहम बदलाव किए जा सकते हैं। इसी के तहत यूपी माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद अब 44 साल बाद पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। अब नवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को संस्कृत के अलावा हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान विषय भी अनिवार्य रूप से पढ़ने होंगे, जबकि गणित के अलावा विभिन्न कला विषय वैकल्पिक तौर पर होंगे। संस्कृत पाठशालाएं षष्ठ मंडल ने प्रस्तावित पाठ्यक्रम तैयार कर शासन को भेज दिया है। अनुमति मिलने के बाद अगले सत्र से लागू कर दिया जाएगा।

बोर्ड ने शासन को भेजा प्रस्तावित पाठ्यक्रम, हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान विषय होंगे अनिवार्य

माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के स्कूलों के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले कोर्स को अब अपग्रेड भी किया जाएगा। छात्रों को अब कम्प्यूटर और कॉमर्स पढ़ाने की तैयारी हो रही है। षष्ठ मंडल कुमारी रेनू वर्मा ने बताया कि कंप्यूटर और कॉमर्स को भी कोर्स में शामिल करने को लेकर कई बैठक हुई है, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई है। पाठ्यक्रम अब नई कार्यकारिणी से बनने वाली पाठ्यक्रम समिति में ले जाया जाएगा।

44 साल बाद बदलेगा संस्कृत स्कूलों का पाठ्यक्रम

उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं षष्ठ मंडल कुमारी रेनू वर्मा ने बताया कि शिक्षा के साथ रोजगार दिलवाने के लिए ही बोर्ड ने पुराने पाठ्यक्रम को बदलने की पहल की है। उन्होंने बताया कि संस्कृत स्कूलों में दी जाने वाली मुफ्त किताबें भी नए शैक्षिक सत्र से पहले छपवाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। नए पाठ्यक्रम को मान्यता मिलते ही इन कक्षाओं की किताबें प्रकाशित की जाएंगी और सत्र की शुरुआत से ही कक्षाओं में पहुंच सकेंगी। वहीं डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन को प्रस्तावित पाठ्यक्रम भेज दिया गया है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे, इसे संबंधित स्कूलों में फौरन लागू कर दिया जाएगा।