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RPL योजना का लाभ उठाइए, मिलेगा स्किल प्रमाण पत्र, सरकारी नौकरियों के लिए होगा मान्य

locationलखनऊPublished: Dec 22, 2020 06:41:14 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– चंदौली और वाराणसी में आरपीएल कार्यक्रम के अंतर्गत योजना की शुरुआत
– सम्मान व पहचान देने के साथ-साथ देगा सरकारी नौकरी के अवसर
– 167 ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में हुई शुरुआत

Sarkari Naukari

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लखनऊ. खास कौशल रखने वाले लोगों के लिए सरकार बड़ी योजना लेकर आई है। इसका नाम है आरपीएल (पूर्व कौशल को मान्यता) जिससे लोगों के कौशल की पहचान कर उन्हें ट्रेनिंग के बाद प्रणाम पत्र दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र सरकारी नौकरियों में मान्य होगा है। सोमवार को स्किल इंडिया की ओर से पंचायती राज विभाग के तहत आरपीएल कार्यक्रम के श्रमिकों को सम्मानित किया गया। यह प्रमाण पत्र लोगों को सम्मान व पहचान देने के साथ-साथ उन्हें सरकारी व गैर सरकारी कंपनियों में अपने हुनर दिखाने का मौका भी देगा। यूपी के वाराणसी और चंदौली की 167 ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में इसकी शुरुआत हुई है। इसके अंतर्गत करीब 900 ऐसे उम्मीदवार, जिन्होंने कौशल प्रमाण के साथ अपने आरपीएल प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है, को प्रणाण पत्र दिया गया व 2250 को ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए इनरोल किया गया।
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क्या है आरपीएल कार्यक्रम-

आरपीएल कार्यक्रम एक औपचारिक प्रक्रिया के तहत श्रमिकों के कौशल को पहचान कर उन्हें ट्रेनिंग देता है व अंत में उन्हें उनके कौशल के लिए सरकारी प्रमाणपत्र भी प्रदान करता है। आरपीएल कार्यक्रम में भाग लेने के लिए किसी उम्मीदवार से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है बल्कि ट्रेनिंग पूरे करने पर उम्मीदवार को 500 रुपए प्रदान किए जाते हैं। चंदौली और वाराणसी में आरपीएल कार्यक्रम के अंतर्गत योजना की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य भविष्य में नौकरियों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कौशल वाले श्रमिकों को पहले ही तैयार करना है। यह पहल कौशल विकास योजना के एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा है जो देश भर के विभिन्न जिलों के ग्राम पंचायतों में संरचित तरीके से आरपीएल की मान्यता को शुरू करने पर केंद्रित है।
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“हमारा लक्ष्य देश की मौजूदा वर्क फोर्स को पहले ही प्रशिक्षित करना है”

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने इस पहल पर कहा कि हमारे देश की लगभग 70% आबादी ग्रामीण भारत में रहती है और इसलिए जिला कौशल विकास की सफलता के लिए ग्राम पंचायतों को शामिल करना जरूरी है। इससे योजनाओं और कौशल भारत मिशन के लिए बहुत प्रोत्साहन मिलेगा। आरपीएल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य देश की मौजूदा वर्क फोर्स को प्रशिक्षित कर उन्हें एक स्टैंडर्ड प्रदान करना है। आरपीएल श्रमिकों में आत्मविश्वास, सम्मान लाता है और उम्मीदवारों को मान्यता प्रदान करता है। इसमें कौशल को आकांक्षात्मक बनाने की क्षमता है। युवाओं के अनौपचारिक सीखने की औपचारिकता का समर्थन करने से स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में उनके प्रयास सफल होंगे। हम भारत के सभी गांवों में इस पहल का विस्तार करने का लक्ष्य रखते हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल भारत के विज़न की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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प्रमाण पत्र पाकर संगीता हुईं खुश-

वाराणसी के फूलपुर से संगीता ने एक प्रमाणित स्वच्छता कार्यकर्ता बनने पर अपनी खुशी को साझा करते हुए कहा, “आरपीएल प्रशिक्षण ने हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए हमारे आसपास की स्वच्छता बनाए रखने के लिए मानक प्रथाओं का पालन करने के महत्व को समझने में मुझे बहुत मदद की है। हमने सूखे कचरे से गीले कचरे को अलग करने के महत्व को सीखा और यहां तक कि एक किट भी प्राप्त की जिसमें एक यूनिफार्म, मास्क, ग्लव्स और अन्य आवश्यक टूल्स और इक्विपमेंट्स थे जो काम करते समय हमें सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक थे। प्रमाणीकरण हमें अपने कौशल के लिए पहचाने जाने, बेहतर कमाने और एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा।”
फर्नाचर बनाने वाला भी उत्साहित-

चंदौली के जीवानाथपुर से लकड़ी के फर्नीचर बनाने वाले प्रमुख कारपेंटर संजय विश्वकर्मा को प्रशिक्षण ने मदद दी। इस बारे में वह बताते हैं कि मैं 15 साल से एक ऐसे कारपेंटर के रूप में काम कर रहा था, जो सभी तरह के आधुनिक और पारंपरिक फर्नीचर बनाता है। आज, मुझे आरपीएल के तहत एक सरकारी प्रमाण पत्र के साथ अपने कौशल के लिए आखिरकार पहचान मिली, जिसने मेरे लिए कई नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। स्वतंत्रता के बाद पहली बार, प्रधानमंत्री के नेतृत्व के तहत इस तरह का एक अनोखा कौशल कार्यक्रम शुरू हुआ है। मैं जाऊंगा और सभी को बताऊंगा कि यह कार्यक्रम कितना अच्छा है और बेहतर आजीविका की संभावनाओं के लिए जुड़ने और प्रशिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
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