
सारस पक्षी
सारस पक्षी का इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है, रामायण के प्रथम श्लोक का श्रेय सारस पक्षी को जाता है। रामायण का आरंभ एक प्रणयरत सारस-युगल के वर्णन से होता है। प्रातःकाल की बेला में महर्षि वाल्मीकि इसको को देखते हैं, तभी एक शिकारी इस जोड़े में से एक की हत्या कर देता है। जोड़े का दूसरा पक्षी इसके वियोग में प्राण दे देता है। आइए जानते हैं सारस का इतिहास।
सारस विश्व भर में सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी माना जाता है। सारस का वैज्ञानिक नाम ‘ग्रस एंटीगोन’ है। सारस को भारत में क्रौंच के नाम से जाना जाता है। सारस की गर्दन बहुत ही लम्बी होती है और पैर भी लम्बे होते हैं। विश्व में सारस की 8 प्रजातियां पाई जाती हैं।
नेपाल और भारत में ही पाए जाते हैं सारस
जिसमें 5 प्रजातियां भारत में पाई जाती है। 1 प्रजाति साइबेरियन क्रेन के नाम से जाना जाता है। लेकिन यह प्रजाति 2002 से ही देखी नहीं गई है। लोगों का मानना है कि सारस पक्षी की प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रही हैं। ज्यादातर सारस पक्षी नेपाल और भारत में ही पाए जाते हैं।
सारस एक ऐसी प्रजाति है जिसे संकटग्रस्त घोषित कर दिया गया है। कुछ सालो में ये पक्षी सारे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। सारस पक्षी की जनसंख्या करीब 10 से 12 हजार ही है। वैसे सारस पक्षी ज्यादा प्रवास नहीं करते हैं। वे एक ही स्थान पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
पूरे जीवन में एक ही बार जोड़ा बनाता है सारस
सारस पक्षी को प्रेम का प्रतिक भी जान जाता है। यह हमेशा जोड़ो में ही रहना पसंद करते हैं। इस पक्षी में नर और मादा को पहचान पाना मुश्किल होता है। यह एक ही जैसे दीखते है। लेकिन मादा नर के शरीर से छोटी पाई जाती हैं। सारस पूरे जीवन में एक ही बार जोड़ा बनाता है। पूरा जीवन उसके साथ ही बिताता है। कुछ कारण से एक की मौत हो जाए तो दूसरा भी कई दिनों तक बिना खाए ही रहता है। फिर कुछ दिनों के बाद उस्सकी भी मौत हो जाती है।
पानी में रहकर ही भोजन की तलाश करते हैं सारस
सारस पक्षी को शाकाहारी माना जाता है। ये कंदमूल बीज और आनाज खाते हैं। वैसे ये कभी-कभी छोटे जिव भी खाना ये पसंद करते हैं। सारस ज्यादातर कम पानी में रहकर ही भोजन की तलाश करते हैं। वे ज्यादा पानी में नहीं जाते हैं। विश्व भर में सबसे भाड़ी सारस पक्षी रेड क्राउन क्रेन है। सारस की चांच बहुत ही लम्बी पाई जाती है। वो इससे अपना सारा भोजन को निगलता है।
523 किलोमीटर उड़ान भरने की रखता है क्षमता
इस पक्षी की लम्बाई खड़े होने पर करीब 5 फिट तक होती है। इसका वजन 6 किलोग्राम होता है। बता दें, सारस पक्षी एक ऐसा पक्षी है, जो 523 किलोमीटर तक की उड़ान भरने की क्षमता रखता है। वैसे तो यह आसमान में 35 से 40 हजार फिट ऊंचाई तक उड़ पाते हैं। इसके दोनों पैर काफी मजबूत होते हैं।
सारस पक्षी एक दूसरे से सम्बन्ध वर्षाऋतु में बनाते हैं। वो सम्बन्ध बनाने की शरुआत नृत्य से करते है। मादा सारस पक्षी एक बार में करीब 2 से 3 अंडे देने की रखती क्षमता रखती है। नर और मादा सारस दोनों मिलकर ही अंडो को सेहते हैं। अंडो से बच्चे निकलने में करीब 1 महीना का समय लगता है। इनके बच्चे 2 महीने में सारस के बच्चे उड़ान भरने के लिए तैयार हो जाते हैं। ये खाना भी खुद ही खा लेते हैं। सारस पक्षी का जीवनकाल 15 से 18 साल होता है।
Published on:
26 Mar 2023 04:16 pm
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