विधानसभा चुनाव में जुटने को कहा
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए में शिवपाल यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से साल 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने की बात कही। साथ ही गैर भाजपा दलों की एकजुटता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गांव, गरीब, किसान, पिछड़े, दलित, व्यवसायी, मध्यवर्ग और युवाओं को सिर्फ छला है। सरकार शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और इलाज उपलब्ध करा पाने में पूरी तरह से नाकामयाब रही है।
कई प्रस्ताव हुए पेश
करीब साढ़े चार घंटे चली बैठक में प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव रामनरेश यादव ने राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पेश किये। राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्युरिटी फोर्स के विरोध का प्रस्ताव रखा। प्रदेश प्रमुख महासचिव और पूर्व राज्य सभा सदस्य वीरपाल यादव ने कहा कि देश के हालात 1990 के आर्थिक संकट से भी भयावह है। पूर्व मंत्री कमाल युसुफ ने सच्चर कमिटी की सिफारिशें वर्तमान संदर्भ में लागू करने का प्रस्ताव रखा। वहीं पूर्व मंत्री शादाब फातिमा ने महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में नए कानून की मांग का समर्थन किया।
युवा बेरोजगार आत्महत्या को मजबूर
कार्यकारिणी ने प्रस्ताव में कहा है कि उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति सालाना आय मात्र 70,419 रुपये है जो भारत की औसत आय (1,34,432 रु0) की लगभग आधी और गोवा (4,75,532 रु0) की प्रति व्यक्ति आय से करीबन सात गुणा कम है। शीर्ष एक फीसदी अमीरों और गरीबों में 60 लाख गुणा अंतर है। इतनी व्यापक आर्थिक विषमता दुनिया में कहीं भी नहीं है। एनसीआरबी (गृह मंत्रालय) की प्रामाणिक अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 35 युवा बेरोजगार व 36 उद्यमी आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं।