
Shivpal
लखनऊ. नवनिर्मित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संयोजक शिवपाल सिंह यादव परिवार में चल रहे कहल से खुश नहीं हैं। सपा में रहते हुए उनके व नेताजी मुलायम सिंह यादव के अपमान के चलते उन्होंने नई पार्टी के गठन का फैसला लिया, यह बात वे कई दफा कह भी चुके हैं, लेकिन एक बार फिर उन्होंने नई पार्टी बनाने की वजह में थोड़ी और गहराई बताई। शिवपाल अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं और शनिवार को उन्होंने 6, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में इसके लिए बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने 9 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी की बड़ी रैली करने का भी फैसला लिया, साथ ही बताया कि आखिर सपा छोड़ने के कारण आखिर थे क्या।
अखिलेश के लिए कहा यह-
शिवपाल ने अपनी नयी पार्टी के जिलाध्यक्षों और मंडल प्रभारियों की पहली बैठक में उन्होंने समाजवादियों से अपने साथ आने की अपील की, वहीं जिलाध्यक्षों को 30 नवंबर तक बूथों पर पहुंचने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सपा छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि पार्टी और परिवार में कोई बिखराव न हो। इसके चलते वे लगातार अपमान और तिरस्कार बर्दाश्त करते रहे। उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि सारी सीमाएं खत्म हो गईं और सपा का नेतृत्व करने वालों को समाजवाद व पार्टी के मूल सिद्धांतों में भरोसा नहीं रहा। स्वार्थी तत्व हावी हो गए। यह सब देख मजबूरी में बेहद दुखी मन से नया रास्ता चुनने का फैसला किया और पार्टी का गठन किया।
बीते दिनों शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच खूब शब्द बाण चले व कई मौकों पर दोनों ने एक-दूसरे की मौजूदगी में भी गैरमौजूद रहना ही मुनासिफ समझा। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के गृह प्रवेश इसका उदाहरण हैं, जिसमें शिवपाल के आने की खबर से ही अखिलेश वहां से चले गए। हालांकि मुलायम सिंह यादव इन दिनों जरूर धर्म संकट में दिख रहे है। वे बेटे व भाई, दोनों के ही कार्यक्रमों में जाकर संकेत दे रहे हैं कि वे दोनों के ही साथ हैं। हालांकि इस पर कभी उन्होंने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया। शिवपाल चाह रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव उनकी नई पार्टी के अध्यक्ष बने, लेकिन आखिर में फैसला नेताजी को ही करना है।
Updated on:
08 Nov 2018 09:31 pm
Published on:
04 Nov 2018 05:40 pm
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