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इलेक्टोरल बॉन्ड से सपा की बल्ले-बल्ले, BSP को नहीं मिला एक भी रुपया, जानें यूपी के राजनीतिक दलों को कितना मिला चंदा?

Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जानकारी सार्वजनिक कर दी है। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के भी राजनीतिक पार्टियों के नाम शामिल हैं।

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mayawati and akhilesh yadav

Electoral Bonds Data: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को गुरुवार 14 मार्च को भारतीय निर्वाचन आयोग ने अपने वेबसाइट पर जारी कर दिया। इसके बाद से सियासी चर्चा तेज हो गई है। इस रिपोर्ट में देश के 25 राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा मिलने की बात सामने आई हैं। इनमें बीजेपी( BJP) कांग्रेस समेत उत्तर प्रदेश के प्रमुख दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के नाम भी शामिल हैं।

चुनावी बॉन्ड की जानकारी सामने आने के बाद। हर किसी के दिमाग में यही सवाल घूम रहा है कि किस-किसी राजनीतिक पार्टी और दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कितना चंदा मिला। और किस पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है।

चुनाव आयोग की ओर से सार्वजनिक किए गए डेटा के मुताबिक बीजेपी (BJP) को सबसे ज्यादा 60.60 अरब रुपये का चंदा मिला है। दूसरे नंबर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी (TMC) हैं। टीएमसी को 16.09 अरब का चंदा मिला। वहीं तीसरे नंबर पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का है। कांग्रेस पार्टी को 14.21 अरब का चंदा मिला।

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यूपी के प्रमुख राजनीति दल अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी और मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी की बात की जाए तो चुनाव आयोग द्वारा दी गई लिस्ट में सपा का 16वें नंबर पर हैं। SP को 14 करोड़ रुपये चंदा मिला है। वहीं इस लिस्ट में BSP का नाम नहीं है। 426 पन्नों वाली इलेक्टोरल बॉन्ड की रिपोर्ट में BSP का कहीं नाम नहीं है। वहीं इस लिस्ट में समाजवादी पार्टी का नाम 46 बार है। SBI द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट में सपा का नाम- ADYAKSHA SAMAJWADI PARTY के नाम पर दर्ज है।

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2 पेन ड्राइव में जानकारी दी थी। इसके बाद भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार 14 मार्च को सारा डेटा निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी दो हिस्सों में दी गई है। पहले हिस्से में डेट के हिसाब से बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और राशि है। वहीं दूसरे हिस्से में बॉन्ड भुनाने वाली राजनीतिक दलों के नाम दिए गए हैं।

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निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो राजनीतिक दलों को मदद के नाम पर सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड जिन कंपनियों ने खरीदे हैं। उनमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज, पीरामल एंटरप्राइजेज, मेघा इंजीनियरिंग, टोरेंट पावर, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स व वेदांता लिमिटेड, भारती एयरटेल, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।