
समाजवादी पार्टी के ओबीसी महासम्मेलन के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया है।
समाजवादी पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया है। वकील के भेष में आए आकाश सैनी नाम के युवक ने स्वामी प्रसाद पर जूता फेंका। मौके पर मौजूद सपा कार्यकर्ताओं ने हमलावर को पकड़ लिया और जमकर पीटा। इसके बाद आरोपी को लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया।
स्वामी प्रसाद के बयानों से आहत है आरोपी!
स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाले शख्स ने खुद को पूजा पाठ करने वाला व्यक्ति बताया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वह पिछले दिनों सामने आए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर आहत है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस घटना के पीछे आरोपी की मंशा का खुलासा नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही उसके बयानों की पूरी जांच की जाएगी। तभी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
वाराणसी में फेंकी गई थी स्याही
स्वामी प्रसाद पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी स्वामी पर हमले हो चुके हैं। रामचरितमानस के खिलाफ बयान देने के बाद विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य पर इसी साल की फरवरी में भी काली स्याही फेंकी गई थी। वाराणासी से सोनभद्र जाने के दौरान रास्ते में स्वामी प्रसाद के स्वागत के कथित स्वागत में कुछ लोग फूल-माला लेकर खड़े थे। जैसे ही काफिला वहां पहुंचा तो फूल-माला देखकर स्वामी प्रसाद मौर्य वहां रूक गए थे और माला लेकर खड़े लोगों ने उन पर स्याही फेंक दी थी और काले झंडे दिखाए थे।
"धर्म ग्रंथों पर कोई ऊटपटांग बोलेगा तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा"
यह विरोध बीजेपी युवा नेता दीपक सिंह राजवीर और उनकी टीम ने किया था। तक राजवीर ने कहा था कि हमारा विरोध देख सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य काफी खौफ में थे। उनकी आंखों में हिंदू नेता का डर दिखाई पड़ा। हालांकि, हमारा मकसद हिंसा फैलाना नहीं था। लेकिन, हमारे धर्म ग्रंथों पर कोई ऊटपटांग बोलेगा तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा।
लखनऊ में टीवी डिबेट के दौरान हुआ था हमला
इसके कुछ दिन बाद ही लखनऊ के होटल में आयोजित एक चैनल के कार्यक्रम में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास और समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच झड़प हो गई। स्वामी प्रसाद मौर्य ने होटल के बाहर महंत के समर्थकों पर भाला और तलवार से हमला करने का आरोप लगाया था। वहीं, महंत राजूदास ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों पर मारपीट का आरोप लगाया था। मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं, राजू दास ने गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी।
राजू दास बोले...स्वामी प्रसाद बोले कि हत्या कर दो
महंत राजू दास ने पूरे मामले को लेकर मीडिया से बातचीत की थी। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को एक साजिश बताया था। कहा था कि स्वामी प्रसाद सनातन संस्कृति, संत, भगवा और रामचरितमानस को गाली दे रहे हैं। धर्म को अपमानित कर रहे हैं। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मेरे पहुंचते ही मौर्या ने कहा...आ गया भगवा आतंकी। सनातनी समाज में विष घोलने का काम करते हैं। पकड़ो और मारो राजू दास को, कर दो हत्या। स्वामी प्रसाद मौर्या के पीछे आतंकी फंडिंग काम कर रही है। यह राजू दास की व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। 100 करोड़ हिंदू जनमानस की लड़ाई है। सनातन प्रेमी हिंदुस्तान के किसी भी कोने में स्वामी प्रसाद मौर्य को नहीं छोड़ेंगे।
'तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए'
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी में कहा था कि तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। इस रामायण में दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया है। मौर्य ने कहा था कि अगर सरकार इस ग्रंथ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है तो उन श्लोकों, दोहों और चौपाइयों को हटाया जाना चाहिए, जिनसे दलित समाज का अपमान होता है। स्वामी के इस बयान का विरोध शुरू हो गया था।
मार्च 2022 में भी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला हुआ था। पथराव से कई गाड़ियों के शीशे टूट गए थे। स्वामी प्रसाद ने इस मामले का आरोप बीजेपी के समर्थकों पर लगाया गया था। यह घटना खलवा पट्टी गांव में हुई थी।
Updated on:
21 Aug 2023 03:12 pm
Published on:
21 Aug 2023 03:11 pm
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