बसपा छोडने के बाद से ही उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें लग रही हैं। हालांकि वह बराबर कह रहे हैं कि समर्थकों की राय के बाद वह कोई फैसला लेंगे। कुछ लोग उनके द्वारा अलग पार्टी बनाने की बात भी कह रहे हैं। गौरतलब है कि मौर्य ने 22 जून को पार्टी अध्यक्ष सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। उन्होंने सुश्री मायावती पर टिकटों की बोली लगाने का आरोप लगाते हुए पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि बसपा अध्यक्ष कांशीराम और अंबेडकर से रास्ते भटक गई हैं। मौर्य ने कहा था कि मायावती दलित नहीं, दौलत की बेटी है। उन्होंने पिछले चुनाव से सबक नहीं लिया।