
There will be ban on average recovery on pretext of bad electricity meter
शहरों में खराब मीटर के नाम पर औसत बिजली बिल लेने की मनमानी पर रोक लगेगी। इसके लिए यूपी पावर कारपोरेशन ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। जिसके तहत राज्य के शहरी क्षेत्रों में उन सभी मीटरों को चिन्हित किया गया है, जो खराब हो रखे हैं। इस दौरान करीब आठ हजार मीटर पाए गए हैं। पावर कारपोरेशन उन सभी मीटरों को बदलकर नए मीटर को तत्काल लगाने की तैयारी में हैं। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने इस बावत कर्मचारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिससे शहरों में औसत बिलिंग का खेल बंद किया जा सके और लोगों को राहत मिले।
मीटर को खराब बताकर लाभ पहुंचाने का काम
जानकारी के मुताबिक, ऐसी खबर है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में खराब बिजली के मीटर लगे हुए हैं। सूचना है कि इन मीटरों के खराब होने का कारण बताकर स्थानीय बिजली कार्मिक उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं उन उपभोक्ताओं की बिलिंग पूर्व के बिल के औसत के आधार पर की जाती है। जिसमें कई बार लाभ पहुंचाने के नाम पर उपभोक्ताओं से उगाही भी जाती है। यही कारण है कि इस तरह की सूचना मिलने के बाद प्रबंधन ने डिफेक्टिव श्रेणी के सभी मीटरों को तत्काल बदलने का फैसला लिया है।
शहर के बाद ग्रामीणों में बदले जाएंगे खराब मीटर
वहीं इस मामले पर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने कहा कि फिलहाल कर्मचारियों को शहरी क्षेत्र के आठ हजार डिफेक्टेड मीटर को बदलने का निर्देश दिया गया है। जब ये खराब मीटर बदल जाएंगे तो उपभोक्ताओं को सही बिजली बिल मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खराब मीटरों को बदलने का काम किया जाएगा। गौरतलब है कि तीन महीने पहले ही बिजली कंपनियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 7.5 लाख अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगाने का काम पूरा किया है। इनमें सबसे ज्यादा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 661746 व मध्यांचल में 55112 अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगाए हैं।
Published on:
04 Oct 2022 10:56 am
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