हिन्दू पंचांग नक्षत्रों की दशा व दिशा को ध्यान में रखते हुए तिथियों का निर्धारण करता है। पंचांग में चंद्रमा व सूर्य दोनों की स्पष्ट गति को ध्यान में रखा जाता है। ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन व तिथियों का निर्धारण हिंदू पंचांग में किया जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहों को देव तुल्य माना जाता है। ऐसे में उनकी स्थिति व दिशा के अनुसार तिथियों का निर्धारण किया जाता है इसी के आधार पर तिथियों को शुभ या अशुभ निर्धारित किया जाता है। हिंदू पंचांग की अपनी वैज्ञानिक मान्यता है जिसके चलते विश्व स्तर पर इसकी स्वीकार्यता भी है।
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पीएम मोदी बोले-मैंने और सीएम योगी ने आपका नमक खाया है, जिंदगी भर अदा करेंगे कर्ज़ आज का पंचांग *05 मार्च 2022* सम्वत् -2078 । सम्वत्सर - राक्षस (आनंद)।
मास - फाल्गुन। पक्ष - शुक्ल। दिन - शनिवार। ऋतु - शिशिर। तिथि - तृतीया रात्रि - 09:30 मि. तक उपरांत चतुर्थी। नक्षत्र - रेवती रात्रि - 03:28 मि. तक उपरांत अश्विनी।
योग - शुक्ल रात्रि - 01:42 मि. तक उपरांत ब्रह्म। पंचक - समाप्त रात्रि - 03:32 मि. पर। भद्रा - नहीं है। मृत्युबाण - नहीं है। मूल - रेवती का रात्रि - 03:32 मि. तक उपरांत अश्विनी का है।
चंद्र राशि - मीन। सूर्य राशि - कुंभ। सूर्य नक्षत्र - पूर्वाभाद्रपद । दिशाशूल - पूर्व में। अभिजित मुहूर्त - नहीं है। राहुकाल - दिन - 09:00 मि. से 10:30 मि. तक।