
UP Assembly Budget Session
Uttar Pradesh Budget 2025-26 Highlights: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन भी काफी गहमागहमी भरा रहा। जहां राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई, वहीं प्रश्नकाल के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया, जबकि सरकार ने अपनी योजनाओं और विकास कार्यों को गिनाते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज किया।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को सदन के सामने प्रस्तुत किया था। सत्र के दूसरे दिन इस अभिभाषण पर विस्तृत चर्चा हुई। विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण को ‘जमीनी हकीकत से दूर’ करार दिया। समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। मुख्य विपक्षी दल सपा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोजगारी चरम पर है, किसान परेशान हैं और महंगाई आम जनता की कमर तोड़ रही है।
विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों और मंत्रियों ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में निवेश बढ़ा है, कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है और किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल सुबह 11 बजे से शुरू हुआ और 12:20 बजे तक चला। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से तीखे सवाल पूछे। मुख्य मुद्दे जो चर्चा में रहे, वे इस प्रकार हैं:
कानून-व्यवस्था: विपक्ष ने हाल ही में हुए अपराधों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए। सरकार की ओर से गृह मंत्री और पुलिस विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में अपराध दर घटी है और पुलिसिंग में सुधार हुआ है।
बेरोजगारी और नौकरियां: समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सरकार से पूछा कि प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के कितने अवसर पैदा किए गए हैं। सरकार ने दावा किया कि यूपी में निवेश बढ़ने से नई नौकरियों का सृजन हुआ है और कई विभागों में भर्तियां चल रही हैं।
महंगाई और जनता पर असर: कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दामों और खाद्य वस्तुओं के बढ़ते दामों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार काम कर रही हैं।
कृषि और किसान कल्याण: किसानों के मुद्दे भी सदन में प्रमुखता से उठाए गए। सपा ने सरकार पर आरोप लगाया कि गन्ना किसानों को भुगतान में देरी हो रही है और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद की स्थिति बेहतर नहीं है। इस पर कृषि मंत्री ने जवाब दिया कि गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सरकार गंभीर है और अब तक 90% से अधिक भुगतान किया जा चुका है।
सत्र के दौरान कई बार माहौल गर्माया। जब सरकार ने विपक्ष के आरोपों को ‘आधारहीन’ करार दिया, तो सपा और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से अपील की कि बजट सत्र एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें जनहित से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए।
बजट सत्र अभी आगे भी जारी रहेगा। सरकार अपने बजट को सदन में प्रस्तुत करेगी और सभी विभागों के लिए प्रस्तावित बजट पर चर्चा होगी। आने वाले दिनों में:
Updated on:
19 Feb 2025 10:16 pm
Published on:
19 Feb 2025 10:15 pm
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