56,11,072 विद्यार्थियों ने दी थी बोर्ड परीक्षा उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में निर्धारित 7784 परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण वेबकॉस्टिंग के जरिए किया गया। इसके साथ ही नकल विहीन परीक्षा और पारदर्शिता रखने में सरकार पूरी तरह से कामयाब रही। दिनेश शर्मा ने बताया कि परीक्षाओं के बाद 16 मार्च से बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मूल्यांकन को रोकना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस साल हाईस्कूल में 30,24,632 और इंटरमीडिएट में 25,86,440 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 4,80,591 ने परीक्षा नहीं दी। इस साल 56,11,072 विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा दी थी।
3,09,61,577 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दिनेश शर्मा के मुताबिक लॉकडाउन खुलने पर ग्रीन जोन के 20 जिलों में 5 मई, ऑरेंज जोन में 12 मई और रेड जोन के 19 जिलों में 19 मई से बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ। डा. शर्मा ने कहा कि कुल 3,09,61,577 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। इसके लिए प्रदेश में कुल 281 मूल्यांकन केन्द्र थे और मूल्यांकन केन्द्रों पर शिक्षकों ने कोरोना से बचाव के सभी उपायों को अपनाते हुए मूल्यांकन का काम किया, जो अब पूरा हो चुका है।