
UP board teachers not get payments even after checking the copies
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board) की कॉपियों का मूल्यांकन किए कई महीने बीत गए। लेकिन अब तक शिक्षकों को उनका वेतन नहीं मिल पाया है। दरअसल, बजट के अभाव के कारण कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षकों का 8 करोड़ से ज्यादा पारिश्रमिक बकाया है। ये पूरा पेमेंट साल 2018, 2019, 2020 का है। जिसे लेकर शिक्षकों में भी निराशा है। बता दें कि ये जानकारी प्रदेश सरकार ने सदन में मानसून सत्र के दौरान दी है। साथ ही सरकार ने सदन को आश्वस्त भी किया कि समय से भुगतान न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शत-प्रतिशत शिक्षकों का मूल्यांकन नहीं
गौरतलब है कि प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं, जहां यूपी बोर्ड की कॉपी को चेक करने के बावजूद पेमेंट के लिए अभी तक शत-प्रतिशत शिक्षकों का मूल्यांकन नहीं हो पाया है। जिसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने समय से भुगतान न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। बता दें कि इन शिक्षकों को 2018 का 48,02,704 रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। 2019 का 4,11,53,761 जबकि साल 2020 का 4,98,22,301 रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में शिक्षिकों का इन तीनों वर्षों का कुल 8,98,22,301 रुपये का भुगतान अभी बकाया है।
बकाया के लिए परिषद को भेजा मांग पत्र
पिछले साल 2021 में आयोजित अंक सुधार परीक्षा के लिए सभी जिलों को धनराशि का पूरा आवंटन किया जा चुका है। इसमें कोई भी भुगतान शेष नहीं बचा है। इस साल के भुगतान के लिए भी सभी डीआईओएस को पेमेंट दिया जा चुका है। आपको बता दें कि यूपी बोर्ड में कॉपियों को चेक करने के लिए दिया जाने वाला पारिश्रमिक वेतन सीबीएसई बोर्ड से काफी कम हैं यही कारण है कि अधिकतर शिक्षक पारिश्रमिक कम होने के बाद भी समय से भुगतान न होने से कॉपी जांचने से बचते हैं। इस पर डीआईओएस प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बकाया भुगतान के लिए परिषद को मांग पत्र भेजा है। जल्द भुगतान आने की संभावना है।
Updated on:
05 Oct 2022 01:06 pm
Published on:
05 Oct 2022 12:11 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
