
यूपी के भिखारियों के लिये Good News, नौकरी देगी योगी सरकार
लखनऊ. घुमंतू और भिखारियों को आश्रय देने के लिए सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) ने नया प्रयास किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) को शहर के भिखारियों का पुनर्वास करने का आदेश दिया है। अपने अपने एरिया में भिखारियों की पहचान कर उन्हें कचरा इकट्ठा करने का काम दिया। जिसके एवज में उन्हें 10 से 20 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि मिलेगी। बता दें कि नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक़ शहर में कुल 543 भिखारी हैं। हालांकि ग़ैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार ये संख्या क़रीब पांच हज़ार हैं। निगम शहर में भीख मांगने वाले इन्हीं लोगों को रोज़गार देने की योजना बना रहा है, इसके लिए निगम सभी वॉर्डों में सर्वे करा रहा है। नगर निगम के आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि यह योजना भीख मांगने वालों को मुख्यधारा से जोड़ने के मक़सद से चलाई जा रही है। इन लोगों से नगर निगम के कुछ काम करवाने की योजना है, जिनमें घर-घर जाकर कचरा जमा करना, सफ़ाई का काम, सड़कों पर बिजली की व्यवस्था का काम, सीवर नाले की सफ़ाई शामिल हैं।
300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगी मजदूरी
योगी सरकार की इस पहल के मुताबिक शारीरिक रूप से अक्षम भिखारियों को आश्रय स्थल में रखा जाएगा। कचरा प्रबंधन का काम करने वाली एजेंसी इकोग्रीन (Ecogreen) के पास कर्मचारी काम हैं। ऐसे में जो भिखारी मिलेंगे उन्हें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए जाने वाले यूजर चार्ज की वसूली में लाया जाएगा। ऐसे में जो भिखारी मिलेंगे उन्हें डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की एवज में लिये जाने वासे यूजर्स चार्ज की वसूली में लाया जाएगा। वे जो वसूली करेंगे उसमें से उन्हें 10 से 20% प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। दैनिक स्वच्छता कार्यों में लगाए गए बाकी लोगों को 300 रु. प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाएगी। नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोनल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले भिखारियों की पहचान कर उन्हें आश्रय स्थल भेजने का निर्देश दिया है।
15 आश्रयगृहों में भेजे जाएंगे भिखारी
नगर निगम सभी 8 जोन में भीख मांगने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि भिखारियों को आश्रय स्थल भेजने के लिए सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। उन्हें अपने जोन में ट्रैफिक सिग्नल और सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों की पहचान कर आश्रय स्थल भेजना है। भिखारियों को 45 आश्रयगृहों में भिजवाया जाएगा। स्वास्थ्य भिखारियों को घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को नालियों व सड़कों की सफाई के लिए भी लगाया जाएगा। लखनऊ नगर निगम इन्हें पानी, बिस्तर, शौचालय की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय सहायता लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
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Published on:
11 Jul 2019 01:15 pm
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