
Pitambara Peeth Datia सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार सुबह दतिया पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने पीताम्बरा मई के दर्शन किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से दतिया पहुंचे। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी पीताम्बरा पीठ मंदिर पहुंचे जहां पर उन्होंने पीताम्बरा माई के दर्शन किए व पूजा अर्चना की। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने वनखंडेश्वर महादेव का जलाभिषेक भी किया। मौके पर प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सीएम के दतिया पहुंचे से पहले प्रशासन की ओर से सभी व्यवस्थाएं कर ली गईं। क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सीएम योगी के दतिया पहुंचने पर सरकार व संगठन के तमाम लोग मौजूद रहें। योगी आदित्यनाथ के अचानक इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के पीछे चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। मान्यता है कि यह देवी सत्ता बचाती भी है और तमाम हस्तियों को सत्ता तक पहुंचा भी देती है। कयास है कि दत्ता में दोबारा से वापसी करने के बाद योगी मां का आर्शीवाद लेने पहुंचे हैं।
पिछले वर्ष भी पूजा करने दतिया गए थे सीएम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) पिछले वर्ष भी दतिया मां के दर्शन करने गए थे। सीएम योगी ने पीताम्बरा पीठ(pitambara peeth datia) में माता बगलामुखी(Bangalamukhi) के दर्शन किए थे। मंदिर को लेकर मान्यता है कि मां के आर्शीवाद से सत्ता का रास्ता आसान हो जाता है। मंदिर में कई राजनेताओं यहां तक ब्यूरोक्रेट्स का आना जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) पहले व्यक्ति नहीं हैं, जो सत्ता की देवी की आराधना करने आए हैं। यहां मां के दर्शन करने आने का दौरा पं. जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। उनके बाद इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई हस्तियां पूजा-अर्चना करने यहां आती थीं।
शत्रुओं का सफाया करती है धूमावती
दतिया के पीताम्बरा पीठ() परिसर में ही धूमावती मंदिर है। मान्यता है कि मां धूमावती की साधना करने वाले को दुश्मन नष्ट हो जाते हैं। लड़ाई-झगड़े, कोर्ट कचहरी में विजय के लिए मां धूमावती की साधना की जाती है। माना जाता है कि बगलामुखी के साथ ही धूमावती की साधना से शत्रु मिट जाते हैं, इसलिए दतिया के पीताम्बरा पीठ में मां बगलामुखी के साथ ही मां धूमावती की भी स्थापना की गई है जो दुनिया में अपने आप में अकेला स्थान है।
इस जिले में है बगलामुखी शक्तिपीठ
मध्यप्रदेश के शाजापुर के नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी शक्तिपीठ में भी लोगों की गहरी आस्था है। यहां हर साल नवरात्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। तंत्र साधना करने वाले यहां धुनी जमाए रहते हैं। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर इस मंदिर की स्थापना युधिष्ठिर ने की थी। उसके बाद सभी पांडवों ने यहां तंत्र अनुष्ठान किया था। इसके बाद ही उन्हें महाभारत के युद्ध में विजय मिली। मां दुर्गा का एक रूप महाकाली भी है, जिसे संहार करने वाली देवी कहा जाता है। मान्यता है कि देवी काली को संकटनाश, सुरक्षा, विघ्ननिवारण, शत्रु संहारक के साथ ही सुरक्षा करने वाली देवी भी कहा जाता है। महाकाली की आराधना करने वाले साधकों को शत्रुओं पर विजय मिलती है।
Updated on:
08 May 2022 10:44 am
Published on:
08 May 2022 09:46 am
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