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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना (Coronavirus in up) की स्थिति बेकाबू है। राजधानी लखनऊ (Lucknow corona update) का हाल तो सबसे ज्यादा बेहाल है। वजह है अन्य जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण मरीजों का यहां रुख करना। लखनऊ के अतिरिक्त अन्य जिलों से आ रहे कोविड मरीजों के कारण यहां मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग एकाएक बढ़े मामलों से निपटने में लाचार सा साबित हो रहा है। बेड व अन्य उपकरण कम पड़ने लगे हैं। इसी को देखते हुए योगी सरकार ने गुरुवार को एक और फैसला किया। कुछ सरकारी अस्पतालों को अब डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया है। यहां नॉन कोविड मरीजों का उपचार संभव नहीं होगा। ऐसे में यदि कोई नॉन कोविड मरीज इन अस्पतालों का रुख कर रहा है, तो वह ठहर जाए।
केजीएमयू और बलरामपुर में सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज-
सबसे ज्यादा समस्या बेड न मिल पाने की है। आज मरीज इतने हैं कि बेड कम पड़ गए हैं। आसपास इलाकों से रेफर होकर आने वाले मरीजों का भी इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए सीएम ने आदेश दिए हैं कि केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूरी तरह से कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने अस्पतालों को लिखे पत्र में कहा है कि इन दोनों अस्पतालों को पूरे बेड संख्या के साथ कोविड अस्पतालों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए। इनमें नॉन कोविड का काम रोक दिया जाए। जब स्थिति सामान्य हो जाए, तभी इनमें नॉन कोविड की चिकित्सा पुनः प्रारंभ कर दी जाएगी।
प्राइवेट अस्पताल भी हुए कोविड डेडीकेटेड-
सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त लखनऊ में कई प्राइवेट अस्पतालों को भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। इनमें टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेज के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन अस्पतालों में अगले 2 दिनों के अंदर अतिरिक्त बेड्स उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
Published on:
15 Apr 2021 07:49 pm
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