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Up Excise Policy: उत्तर प्रदेश नई आबकारी नीति 2025: शराब दुकानों के आवेदन से सरकार को बंपर राजस्व

UP Govt Revenue Liquor Shops UP: उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत शराब और भांग की दुकानों के आवंटन के लिए रिकॉर्ड 1,99,232 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिससे सरकार को 1,066.33 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस मिली है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-लॉटरी 6 मार्च 2025 को खोली जाएगी, जबकि आवेदन प्रक्रिया 27 फरवरी 2025 तक जारी रहेगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Feb 27, 2025

Liquor Shops Application

Liquor Shops Application

UP Excise Policy 2025: उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति 2025 के तहत शराब और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस दौरान 1,99,232 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए, जिससे सरकार को 1,066.33 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस के रूप में राजस्व प्राप्त हुआ। आबकारी विभाग के मुताबिक इस बार की नीति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली को अपनाया गया है, जो 6 मार्च 2025 को खोली जाएगी।

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आवेदन प्रक्रिया और राजस्व संग्रह

  • प्रदेश में देशी मदिरा, कंपोजिट शॉप, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों के आवंटन हेतु 14 फरवरी 2025 से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
  • 17 फरवरी 2025 से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई।
  • 27 फरवरी 2025 शाम 5 बजे तक आवेदन स्वीकार किए गए।
  • राज्य में कुल 27,308 शराब दुकानों के लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
  • इस दौरान 1,99,232 आवेदन प्राप्त हुए, जिससे सरकार को 1,066.33 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस प्राप्त हुई।

ई-लॉटरी प्रणाली से मिलेगा लाइसेंस

आबकारी आयुक्त आईएएस आदर्श सिंह ने बताया कि इस बार ई-लॉटरी प्रणाली के तहत दुकानों का आवंटन किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार खत्म होगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।

  • ई-लॉटरी 6 मार्च 2025 को खोली जाएगी।
  • इस बार लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
  • लाइसेंसधारकों को नई शर्तों और नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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नई आबकारी नीति 2025 के फायदे

  • राजस्व में बढ़ोतरी: नई नीति से यूपी सरकार को भारी राजस्व प्राप्त हुआ है, जिससे राज्य में विभिन्न विकास योजनाओं को गति मिलेगी।
  • पारदर्शी प्रणाली: ई-लॉटरी प्रणाली से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और निष्पक्ष आवंटन सुनिश्चित होगा।
  • डिजिटल प्रक्रिया: पूरी आवेदन और लाइसेंसिंग प्रक्रिया ऑनलाइन होने से दलालों की भूमिका खत्म हो जाएगी।

क्या है आबकारी नीति 2025 की मुख्य बातें?

  • शराब की दुकानों के लाइसेंस के लिए ई-लॉटरी प्रणाली लागू की गई।
  • देशी, विदेशी, बीयर और भांग की दुकानों के लिए अलग-अलग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।
  • आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की गई, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
  • आबकारी विभाग ने शराब की न्यूनतम कीमतों को स्थिर रखा है।
  • राजस्व बढ़ाने के लिए नई मॉडल शॉप्स को भी बढ़ावा दिया गया है।
  • अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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यूपी सरकार को होगा तगड़ा फायदा

नई नीति से यूपी सरकार को तगड़ा वित्तीय लाभ होगा। सरकार को 1,066.33 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह धनराशि विकास कार्यों, आधारभूत संरचना निर्माण और जनकल्याणकारी योजनाओं में निवेश की जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी?

आबकारी आयुक्त आईएएस आदर्श सिंह ने कहा,"नई आबकारी नीति से यूपी सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होगा। ई-लॉटरी प्रणाली से पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर प्रक्रिया सुचारू रूप से चले।"

लाइसेंस आवेदन से जुड़े अहम आंकड़े

श्रेणी
आवेदन संख्या
देशी शराब की दुकानें1,10,450
विदेशी शराब की दुकानें
45,500
बीयर शॉप20,782
मॉडल शॉप
10,500
भांग की दुकानें
12,000

आबकारी नीति से जुड़े विवाद

हर साल नई आबकारी नीति के साथ कुछ विवाद भी सामने आते हैं। कुछ व्यापारियों ने लाइसेंस फीस और शराब की कीमतों में वृद्धि को लेकर सवाल उठाए हैं। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह नीति राजस्व वृद्धि और पारदर्शिता के लिए जरूरी है। यूपी सरकार की नई आबकारी नीति 2025 ने राज्य को 1,066.33 करोड़ रुपये का राजस्व दिया है। ई-लॉटरी प्रणाली से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और आवेदन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। यह नीति यूपी सरकार को राजस्व वृद्धि, पारदर्शिता और विकास परियोजनाओं के लिए फंडिंग में मदद करेगी।