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Yogi सरकार का बड़ा कदम: औद्योगिक प्राधिकरणों का बनेगा डाटाबेस, भूमि आवंटन प्रक्रिया को मिलेगी नई रफ्तार

Yogi Government : उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के औद्योगिक प्राधिकरणों का विस्तृत डाटाबेस तैयार करने जा रही है, जिससे भूमि आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी। इन्वेस्ट यूपी इस कार्य को अंजाम देगा, जिससे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध भूमि और उसकी स्थिति की निगरानी आसान होगी। सर्वे एजेंसियों की मदद से यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Apr 01, 2025

योगी सरकार का बड़ा कदम: औद्योगिक प्राधिकरणों का बनेगा डिजिटल डाटाबेस

योगी सरकार का बड़ा कदम: औद्योगिक प्राधिकरणों का बनेगा डिजिटल डाटाबेस

Yogi Government Industrial Development: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत, राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक प्राधिकरणों का विस्तृत डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य भूमि आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और निवेशकों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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मुख्य बिंदु

डाटाबेस निर्माण की आवश्यकता: औद्योगिक प्राधिकरणों में भूमि आवंटन की प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए एक केंद्रीकृत डाटाबेस की आवश्यकता महसूस की गई है। यह डाटाबेस विभिन्न प्राधिकरणों में उपलब्ध रिक्त प्लॉट्स, आवंटित भूमि की वर्तमान स्थिति, और औद्योगिक इकाइयों की प्रगति की सटीक जानकारी प्रदान करेगा।

प्रमुख औद्योगिक प्राधिकरणों का समावेश: इस डाटाबेस में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC), उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA), यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA), ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA), नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (NOIDA), गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA), और सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण (SIDA) सहित अन्य प्रमुख प्राधिकरणों की जानकारी शामिल होगी।

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इन्वेस्ट यूपी की भूमिका: प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने और ट्रैक करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत इन्वेस्ट यूपी इस डाटाबेस के निर्माण की प्रक्रिया की निगरानी करेगी। इन्वेस्ट यूपी दक्ष सर्वे एजेंसियों की नियुक्ति करेगा, जो प्राधिकरणों के ऑफसाइट और ऑनसाइट लैंड पूल की निगरानी, तथ्यों का संकलन, और मासिक रिपोर्ट के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों की जानकारी उपलब्ध कराएंगी।

सर्वे एजेंसियों की नियुक्ति: डाटाबेस निर्माण की प्रक्रिया को गति देने के लिए दक्ष सर्वे एजेंसियों की नियुक्ति की जाएगी। ये एजेंसियां प्राधिकरणों के भूमि बैंक की निगरानी करेंगी, आवंटित और रिक्त प्लॉट्स की जानकारी संकलित करेंगी, और मासिक रिपोर्ट के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों पर इकाई संचालन, निर्माण, और विकास कार्यों की जानकारी प्रदान करेंगी।

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पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि: इस डाटाबेस के माध्यम से भूमि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे निवेशकों को सही और सटीक जानकारी मिलेगी। साथ ही, विभिन्न प्राधिकरणों के बीच कार्य कुशलता का तुलनात्मक अध्ययन करना संभव होगा, जिससे औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। डाटाबेस के माध्यम से भूमि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।