UP Govt School Transfer Policy 2025: उत्तर प्रदेश के छह लाख से अधिक बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब वे 15 जून 2025 तक अंतर जनपदीय स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पहले आवेदन की अंतिम तारीख 12 जून निर्धारित की गई थी, जिसे अब तीन दिन बढ़ा दिया गया है। यह फैसला राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की सुविधा और तकनीकी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रदेश सरकार की ओर से 24 मई को जारी नई तबादला नीति में कई पुराने नियमों में बदलाव किया गया था। खासतौर पर शिक्षकों को सबसे अधिक राहत उस फैसले से मिली, जिसमें 5 वर्ष की न्यूनतम सेवा अवधि की बाध्यता हटा दी गई। अब एक जिले में किसी भी अवधि तक कार्यरत शिक्षक अंतर्जनपदीय ट्रांसफर के लिए पात्र होंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, स्थानांतरण नीति 2025 को इस बार अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाया गया है। अब शिक्षक जिन जिलों में स्थानांतरित होना चाहते हैं, उनकी प्राथमिकताएं ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। यह पोर्टल 24 घंटे खुला रहेगा और शिक्षक अपने लॉगिन आईडी से आवेदन कर सकते हैं।
नवीन नीति के तहत, जो शिक्षक वर्षों से अपने गृह जनपद से दूर सेवा दे रहे हैं, उन्हें अब घर के पास तबादले का मौका मिल सकेगा। कई महिला शिक्षिकाओं ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि यह निर्णय उनके पारिवारिक जीवन में संतुलन लाने में मदद करेगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि "यह नीति स्वागत योग्य है। इससे हजारों शिक्षकों को मानसिक और पारिवारिक राहत मिलेगी। पहले सेवा अवधि की बाध्यता के कारण कई योग्य शिक्षक ट्रांसफर से वंचित रह जाते थे।"
एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) ने स्थानांतरण आवेदन के लिए विशेष पोर्टल विकसित किया है। शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाकर लॉगिन कर सकते हैं और अपने विकल्प चुन सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, पोर्टल पर अत्यधिक लोड के कारण कई शिक्षक समय पर आवेदन नहीं कर सके थे, जिस वजह से तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
प्रक्रिया | तिथि |
आवेदन की अंतिम तिथि | 15 जून 2025 |
ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन | 16 - 18 जून 2025 |
ट्रांसफर लिस्ट जारी | 20 जून 2025 |
कार्यभार ग्रहण की अंतिम तिथि | 30 जून 2025 |
हालांकि अधिकांश शिक्षक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, कुछ संगठनों ने प्रक्रिया की पारदर्शिता और तकनीकी व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मांग की है कि ट्रांसफर की प्रक्रिया वर्ष में दो बार होनी चाहिए। शिक्षकों की आवश्यकता वाले जिलों में प्राथमिकता दी जाए।
Published on:
13 Jun 2025 01:28 pm