
गाजियाबाद जेल को यूपी की सबसे भीड़भाड़ वाली जेलों में गिना जाता है
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की जेलों की स्थिति के बारे में आंकड़े दिए हैं। केंद्र ने बताया है कि सूबे की जेलों क्षमता से करीब दोगुने कैदी बंद हैं। वहीं, जातिगत आंकड़ा देखें तो जेलों में बंद कैदियों में 74 फीसदी कैदी एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से हैं।
45 फीसदी कैदी OBC
बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव ने लोकसभा में जेलों में भारी भीड़ पर चिंता जताते हुए विचाराधीन कैदियों का आंकड़े मांगा था। इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने 2021 तक का आंकड़ा पेश किया। इसमें यूपी की स्थिति काफी चिंताजनक है।
अजय मिश्रा ने लोकसभा में बताया, उत्तर प्रदेश में 2021 तक 90,606 अंडरट्रायल कैदी थे। इनमें 41,678 यानी करीब 45 फीसदी ओबीसी वर्ग से थे। इसके बाद 21,942 कैदी एससी और 4,657 एसटी थे। एससी-एसटी की संख्या कुल कैदियों की करीब 24 फीसदी है।
देश में सबसे ज्यादा भीड़ यूपी की जेलों में
केंद्र के आंकड़े के मुकाबिक, जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों होने के मामले में यूपी सबसे ऊपर पर है। उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता है 63,751 है। यूपी की जेलों में 1,17,789 कैदी बंद हैं। यूपी के जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से दोगुनी है।
उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में सबसे ज्यादा 66,879 कैदी बंद हैं। इसके बाद तीसरे नबंर पर मध्य प्रदेश की जेलों में कैदियों की संख्या 48,513 है। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर है। महाराष्ट्र की जेलों में 36, 885 कैदी हैं।
देश की जेलों की स्थिति क्या है?
पूरे देश की जेलों की बात की जाए तो देश की जेलों में 4,25,609 कैदियों को रखने की क्षमता है। देश में 5,54,34 कैदी जेल में बंद हैं। यानी क्षमता से एक लाख 28 हजार 425 कैदी ज्यादा बंद हैं। इन 5,54,034 कैदियों में से 4,27,165 यानी 76% कैदी विचाराधीन हैं।
गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि देश के जेलों में 1410 दोष सिद्ध कैदी सजा पूरी करने के बाद भी जुर्माना राशि का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से जेल में बंद हैं।
Updated on:
16 Mar 2023 12:46 pm
Published on:
16 Mar 2023 12:45 pm
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