
योगी सरकार किसानों को लाभ देने के लिए प्रदेश में आधार की तर्ज पर किसान कार्ड बनवाने जा रही है। इसके लिए 1 जुलाई से पूरे देश में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत होने जा रही है। इसमें किसान का आधार नंबर, खेत का रकबा, खसरा नंबर आदि का डिटेल दर्ज किया जाएगा। इसके बाद एक किसान नंबर जारी होगा। इस नंबर के जरिए ही संबधित किसान का पूरा डिटेल देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री का काम खत्म होने के बाद किसान कार्ड बनाया जाएगा।
रजिस्ट्री से मिलने वाले नंबर के जरिए ही दिसंबर से पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। कृषि विभाग का दावा है कि पूरे प्रदेश में एक साथ किसान रजिस्ट्री शरू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। केंद्र सरकार की ओर से एग्रीस्टैक (कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा) विकसित करने की योजना के तहत किसान रजिस्ट्री शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से तैयार कराए गए मोबाइल एप पर प्रदेश के हर किसान का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।
इसके लिए 1 जुलाई से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर लगेंगे। इसमें दो कर्मचारी रहेंगे। ये गांव में रहकर संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, ईकेवाईस विवरण आदि दर्ज करेंगे। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा। इसमें किसान के हर गाटे में दो सत्र में बाई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
Published on:
27 Jun 2024 05:05 pm
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