
UP Mass Religion Conversion Case Accused Case against Accused
लखनऊ. UP Mass Religion Conversion Case Accused Case against Accused. अवैध धर्मांतरण (Mass Religion Conversion) मामले में उमर और जहांगीर समेत गिरफ्तार आठ आरोपियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत कई गंभीर धाराओं में आरोप लगाए हैं। लखनऊ बेंच की अदालत ने एटीएस की एप्लिकेशन को स्वीकार करते हुए आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121-ए, दंडनीय अपराध करने की साजिश और 123 युद्ध छेड़ने के इरादे से छिपाना के तहत आरोप लगाए हैं। कोर्ट में एटीएस ने यह दावा किया है कि आरोपियों के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। एटीएस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सबूतों और केस डायरी की पुष्टि करने के बाद अदालत ने आठ आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की दो धाराएं 121-ए और 123 – लागू करने की अनुमति दी है। अब मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
नौकरी का लालच देकर फंसाया
बता दें कि लखनऊ एटीएस ने 21 जून को उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर को अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामले में एक विदेशी कनेक्शन समेत कई खुलासे किए गए। दोनों की गिरफ्तारी के साथ ही धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। एटीएस ने दावा किया था कि दोनों मौलवियों ने मिलकर कथित तौर पर हजारों लोगों का धर्मांतरण कराया है। आरोपियों ने इस्लामिक दावा सेंटर के बैनर तले बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया है, जिसमें कथित तौर पर विकलांग बच्चों, महिलाओं, बेरोजगारों और गरीबों को निशाना बनाया गया था। सभी को नौकरी, पैसे का लालच और अच्छी शिक्षा का झांसा देकर फंसाया गया था।
8 के खिलाफ केस
कोर्ट ने जिन आठ लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121-ए और 123 लगाई गई है, उनमें मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, डॉक्टर फराज, प्रसाद रामेश्वर कावारे उर्फ आदम, भूप्रिया बंदो उर्फ अरसलान और कौसर शामिल हैं।
Published on:
05 Sept 2021 03:51 pm
