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UP Pharmacist Recruitment: नौ साल का इंतजार और दो महीने से अटकी नियुक्ति: यूपी के 55 चयनित फार्मासिस्ट अब भी बेरोजगार

UP Jobs Controversy: उत्तर प्रदेश कारागार विभाग में फार्मासिस्ट (कंपाउंडर) पदों पर नौ साल से लंबित भर्ती में चयनित 55 अभ्यर्थी दो महीने से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। अंतिम सूची जारी होने के बाद भी विभाग और आयोग के बीच जिम्मेदारी के टकराव तथा कानूनी पेंच के कारण प्रक्रिया ठप पड़ी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Aug 09, 2025

नवंबर 2016 में निकली थी भर्ती, नौ वर्षों के इंतजार के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को नहीं मिला नियुक्ति पत्र; विभाग याचिका के निपटारे का इंतजार कर रहा है। फोटो सोर्स : Social Media

नवंबर 2016 में निकली थी भर्ती, नौ वर्षों के इंतजार के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को नहीं मिला नियुक्ति पत्र; विभाग याचिका के निपटारे का इंतजार कर रहा है। फोटो सोर्स : Social Media

UP Pharmacist Recruitment 2025: उत्तर प्रदेश कारागार विभाग में फार्मासिस्ट (कंपाउंडर) पदों पर नियुक्ति की राह देख रहे 55 चयनित अभ्यर्थियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। मार्च 2023 में लिखित परीक्षा, मार्च 2024 में परिणाम, और अप्रैल 2024 में दस्तावेज सत्यापन के बाद 3 जून 2025 को अंतिम चयन सूची जारी हुई थी। लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद इन अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। इन पदों के लिए नवंबर 2016 में विज्ञापन जारी हुआ था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया बार-बार टलती रही। लगभग नौ साल तक चले इस इंतजार के बाद जब चयन सूची आई, तो अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली थी, मगर नियुक्ति में नया गतिरोध सामने आ गया।

भर्ती की पूरी समयरेखा

  • नवंबर 2016 - फार्मासिस्ट (कंपाउंडर) पदों के लिए विज्ञापन जारी।
  • 2016-2022-- प्रक्रिया में ठोस प्रगति नहीं, फाइलें विभाग और आयोग के बीच घूमती रहीं।
  • मार्च 2023 - लिखित परीक्षा आयोजित।
  • मार्च 2024 -परीक्षा परिणाम घोषित।
  • अप्रैल 2024 -दस्तावेज सत्यापन सम्पन्न।
  • 3 जून 2025-अंतिम चयन सूची जारी।
  • जून 2025 से अब तक -55 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पत्र जारी नहीं।

कितने पद, कहां अटकी नियुक्ति

  • अंतिम चयन सूची में कुल 68 अभ्यर्थियों के नाम हैं।
  • 13 पद - महिला आयोग के अधीन, इनकी नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है।
  • 55 पद -  कारागार विभाग के अधीन, नियुक्ति अब तक अटकी हुई है।

गतिरोध की वजह

गतिरोध की शुरुआत 26 जून 2025 को हुई, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दाखिल हुई। याचिका में मांग की गई कि भर्ती में केवल मेडिकल फैकल्टी से फार्मेसी डिग्री धारकों को वरीयता दी जाए। हालांकि, अदालत ने इस मामले में कोई स्थगन आदेश (Stay Order) नहीं दिया, फिर भी कारागार विभाग ने नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया रोक दी है। विभाग का तर्क है कि जब तक याचिका पर स्पष्ट कानूनी स्थिति नहीं आती, तब तक नियुक्ति आगे बढ़ाना जोखिमपूर्ण होगा।

आयोग और विभाग में खींचतान

भर्ती प्रक्रिया यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के माध्यम से सम्पन्न हुई। आयोग का कहना है कि अंतिम चयन सूची जारी करना उनका काम था, नियुक्ति जारी करने का निर्णय पूरी तरह कारागार विभाग का है। वहीं, कारागार विभाग का रुख है कि चार चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच और सुनवाई 26 अगस्त 2025 को होनी है। विभाग का मानना है कि इन मामलों के निपटारे के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़े।

अभ्यर्थियों की नाराजगी

चयनित अभ्यर्थी इस देरी से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि  नौ वर्षों तक इस भर्ती का इंतजार करने के बाद भी नियुक्ति न होना अन्याय है। जिन 4 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र विवाद में हैं, उनकी वजह से बाकी 51 अभ्यर्थियों को रोकना अनुचित है। अगर जल्द नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुए तो वे सामूहिक रूप से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। एक चयनित अभ्यर्थी ने कहा, “हमने लिखित परीक्षा पास की, दस्तावेज सत्यापन कराया, और चयन सूची में नाम आया। अब दो महीने से सिर्फ विभागीय चक्कर काट रहे हैं। हमारी जिंदगी का कीमती समय बर्बाद हो रहा है।”

जेल प्रशासन पर असर

  • यह देरी केवल अभ्यर्थियों को ही नहीं, बल्कि कारागार विभाग के कामकाज को भी प्रभावित कर रही है।
  • जेलों में फार्मासिस्ट की कमी पहले से है।
  • दवाओं के वितरण और कैदियों के स्वास्थ्य प्रबंधन पर असर पड़ रहा है।
  • कई जेलों में अस्थायी या अनुबंध पर फार्मासिस्ट से काम चलाया जा रहा है।

कानूनी पेंच

विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत ने कोई रोक नहीं लगाई है, इसलिए विभाग चाहे तो बाकी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर सकता है और विवादित मामलों को अलग रख सकता है। लेकिन विभाग का डर है कि अगर बाद में अदालत का निर्णय याचिकाकर्ता के पक्ष में आया, तो पहले से नियुक्त अभ्यर्थियों की स्थिति पर कानूनी विवाद खड़ा हो सकता है।

अभ्यर्थियों की अगली योजना

  • चयनित अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर अगस्त के अंत तक नियुक्ति नहीं हुई तो वे 
  • लखनऊ में सामूहिक धरना देंगे।
  • मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात उठाएंगे।
  • अदालत में कंटेम्प्ट पिटीशन (अवमानना याचिका) दायर करेंगे।