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यूपी के इन 434 ब़डे पुलिस अधिकारियों की जा रही है नौकरी, योगी ने लिस्ट पर लगाई मुहर

50 साल उम्र से ज्यादा के सैकड़ों पुलिस कर्मी भी है रडार पर.

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Nov 03, 2017

Sulkhan Singh

Sulkhan Singh

लखनऊ. यूपी में भाजपा की सरकार आने के बाद पुलिस प्रशासन में अफसर काम को लेकर सचेत हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस विभाग में किसी भी अधिकारी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं और समय-समय उन्होंने विभाग में पनप रहे भ्रष्ट अधिकारियों को संभल जाने की नसीहत भी दी है। लेकिन अब उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार को साफ करने के लिए एक बकायदा सूची तैयार कर ली है और उनकी स्क्रूूटिनी शूरू हो गई है।

इन लोगों पर कस रहा शिकंजा-

यूपी के करीब-करीब एक तिहाई पीपीएस अधिकारियों को जबरन रिटायर करने की तैयारी हो गई है। लगभग 1200 पीपीएस अधिकारियों के कैडर में से 434 एएसपी और डिप्टी एसपी इस सूची में शामिल हैं। गुरुवार को 118 अपर पुलिस अधीक्षक और 316 के सर्विस रिकार्ड पर चर्चा की गई। वहीं 50 वर्षों की आयु वाले दागी सैकड़ों पुलिस कर्मियों के ऊपर जांच चल रही है।

ऐसे हो रही है स्क्रीनिंग

प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक और कार्मिक विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इन अफसरों के पिछले 10 साल के सर्विस रिकार्ड की पड़ताल की गई। इनमें उन पीपीएस अफसरों की अनिवार्य रूप से रिटायर करने की स्क्रीनिंग चल रही है जो भ्रष्टाचार, लापरवाह, अनुशासनहीन और अयोग्य है। पुलिस मुख्यालय की ओर से तैयार की गई इस रिपोर्ट में अयोग्य अधिकारियों के साथ ही ऐसे अफसरों के नाम भी शामिल किए गए हैं जिन्होंने अपने कामों से विभाग की छवि को धूमिल किया है। उच्चधिकारी इस बात से हैरान हैं कि पूरे 1200 के कैडर में करीब एक तिहाई अफसर दागी हैं। बैठक के बाद प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि कमेटी ने लिस्ट में शामिल अफसरों पर चर्चा की है। फिलहाल नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

इस जांच से संकेत साफ है की सीएम योगी पुलिस विभाग में काम के प्रति किसी भी तरह का भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और समय पड़ने पर उनपर जांच और कार्रवाई करने से परहेज भी नहीं करेंगे।