
नदियों का जलस्तर बढ़ा फोटो सोर्स : Patrika
UP rain Alert: उत्तर प्रदेश में मानसून ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए व्यापक स्तर पर बारिश का सिलसिला शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को प्रदेश के लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर , सीतापुर , बाराबंकी , वाराणसी, गोरखपुर, बरेली, मेरठ और मिर्जापुर सहित 35 से अधिक जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट संकेत देता है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे जनजीवन पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।
राजधानी लखनऊ में सुबह से ही बादल छाए रहे। हल्की बूंदाबांदी के बाद दोपहर होते-होते झमाझम बारिश शुरू हो गई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया और ट्रैफिक धीमा हो गया। आलमबाग, चारबाग, हजरतगंज, गोमतीनगर और इंदिरानगर जैसे इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई। नगर निगम ने राहत कार्य के लिए अतिरिक्त पंप लगवाए हैं और वाटर लॉगिंग वाले इलाकों में विशेष निगरानी की जा रही है।
गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नागवासुकी, संगम और छतनाग घाट पर जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए घाटों को एहतियातन खाली कराना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने नाविकों को अलर्ट रहने को कहा है और नदी किनारे रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मुस्तैदी से तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने मानसूनी सिस्टम के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की तीव्रता ज्यादा होगी। 3 जुलाई तक कई स्थानों पर 100 मिमी से अधिक वर्षा हो सकती है। यह बारिश जहां गर्मी से राहत देगी, वहीं निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा कर सकती है।
बारिश से खेतों में नमी बढ़ने से धान, मक्का और बाजरा जैसी खरीफ फसलों की बुवाई को बल मिलेगा। किसानों के चेहरे पर उम्मीद की किरण नजर आ रही है। हालांकि, अत्यधिक वर्षा होने पर खेतों में जलभराव और फसलों को नुकसान का खतरा भी बना हुआ है। कृषि विभाग ने किसानों को जल निकासी की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी है।
राजधानी लखनऊ में नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी जल निकासी की निगरानी कर रहे हैं। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि सभी जोन में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और 24 घंटे की निगरानी टीम बनाई गई है। वहीं जिलाधिकारी विकास जी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि बिजली कटौती, जलभराव और यातायात अवरोध जैसी स्थितियों पर तत्काल कार्रवाई करें। स्कूलों और अस्पतालों के पास विशेष निगरानी रखने को कहा गया है।
तेज बारिश के कारण राजधानी के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। शहीद पथ, कैसरबाग, निशातगंज, और अलीगंज में वाहन रेंगते नजर आए। बारिश के दौरान खुले मैनहोल और फिसलन भरी सड़कों से कई बाइक सवार फिसल कर गिर गए। ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों को धीमी गति से चलाने और पैदल यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बारिश की चेतावनी को देखते हुए कुछ जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को छुट्टी देने पर विचार किया जा रहा है। कई निजी स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग स्थिति का मूल्यांकन कर निर्णय लेगा।
इस बार मानसून ने शुरुआत से ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। प्रशासन के सामने जहां एक ओर चुनौती है कि लोगों को राहत मिले, वहीं जनसहभागिता भी जरूरी है। लखनऊ से लेकर पूर्वांचल तक, हर शहर और गांव को इस बारिश के असर के लिए तैयार रहना होगा। सावधानी, जागरूकता और प्रशासन की तत्परता ही आने वाले दिनों को सुरक्षित बना सकती है।
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Published on:
01 Jul 2025 04:06 pm
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