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12 नहीं अब यूपी की 13 सीटों पर होंगे उपचुनाव, रिक्त हुई एक और विधानसभा सीट

- अगर दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही हुई तो यूपी की 15 सीटों पर होंगे उपचुनाव - उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीटों पर होंगे UP Vidhan Sabha By Elections 2019- विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई हैं उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटें

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Jul 21, 2019

UP Vidhan Sabha By Elections 2019

12 नहीं अब यूपी की 13 सीटों पर होंगे उपचुनाव, रिक्त हुई एक और विधानसभा सीट

लखनऊ. घोसी से विधायक फागू चौहान (Fagu Chauhan) को बिहार का राज्यपाल बनाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश में एक और विधानसभा सीट खाली हो जाएगी। ऐसे में 12 नहीं, बल्कि सूबे की 13 सीटों पर उपचुनाव (UP Vidhan Sabha By Elections 2019) होंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2019) में विधायकों के सांसद बनने के बाद यूपी विधानसभा की 11 सीटें खाली हुई हैं। इसके अलावा हत्या के 22 साल पुराने मामले में हमीरपुर के विधायक अशोक सिंह चंदेल (Ashok Singh Chandel) उम्रकैद की सजा काट रहे हैं, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो चुकी है।

फागू चौहान 2017 के विधानसभा चुनाव में घोषी विधानसभा सीट से विधायक चुने गये। अभी उनका कार्यकाल पूरा होने में करीब तीन वर्ष का वक्त बचा है और उन्हें बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है। ऐसे में घोषी विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना तय है। यूपी की जिन सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें गोविंदनगर (कानपुर), लखनऊ कैंट, मानिकपुर (बांदा), जैदपुर (बाराबंकी), बलहा (बहराइच), प्रतापगढ़, जलालपुर (अंबेडकरनगर), हमीरपुर, रामपुर, गंगोह (सहारनपुर), इगलास (हाथरस) और टूंडला (अलीगढ़) हैं।

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...तो 15 सीटों पर होंगे उपचुनाव
दलबदल विरोधी कानून के तहत अगर कार्यवाही हुई तो 13 नहीं, बल्कि प्रदेश की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (UP Vidhan Sabha By Elections 2019) होंगे। फागू चौहान के राज्यपाल बनाये जाने के बाद विधानसभा की 13वीं सीट रिक्त हुई है। इसके अलावा मुजफ्फरनगर की मीरापुर और इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो सकते हैं। 2017 के विधासनभा चुनाव में अवतार सिंह भड़ाना बीजेपी के टिकट पर मीरापुर से विधायक चुने गये थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था। बावजूद अब तक विधायक हैं। इसके अलावा इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल यादव ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। अब उन्होंने खुद की नया दल (प्रगतिशील समाजवादी पार्टी) बना लिया है। ऐसे में अगर इन पर दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्यवाही हुई तो इन दोनों की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो सकती है, जिसका मतलब होगा यूपी की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव। हालांकि, अभी न तो बीजेपी ने और न ही सपा ने इन दोनों की कोई शिकायत की है।

क्या कहता है दलबदल विरोधी कानून
दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी भी दल का कोई सदस्य अगर खुद ही पार्टी का त्याग कर देता है, तो उसकी विधानमंडल या संसद की सदस्यता रद्द हो सकती है। इस आधार पर अवतार सिंह भड़ाना और शिवपाल सिंह यादव की सदस्यता समाप्त हो सकती है। उन्होंने न केवल दल बदला, बल्कि दूसरे दलों के चिन्ह पर चुनाव भी लड़ा।

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