6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Women Commission: महिलाओं पर बढ़ते अपराध पर सख्ती जरूरी: महिला आयोग की बैठक में पुलिस की जवाबदेही तय करने पर ज़ोर

UP Women Commission Lucknow Meeting:  लखनऊ में महिला आयोग द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में महिला अपराधों के निस्तारण में पुलिस की भूमिका, यौन अपराधों, घरेलू हिंसा और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर चर्चा की गई। महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने पीड़ित महिलाओं की समय पर सुनवाई और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

May 26, 2025

फोटो सोर्स : Patrika

फोटो सोर्स : Patrika

Women Commission Meeting: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को गंभीरता से लेते हुए आज राजधानी लखनऊ में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में महिला अपराधों के त्वरित निस्तारण में पुलिस की भूमिका, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और मानव तस्करी जैसे संवेदनशील विषयों पर गहन चर्चा की गई।

यह भी पढ़ें: सीएम योगी ने भेजी सौगात: परिषदीय छात्रों को यूनिफॉर्म के लिए 487 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर

बैठक की अध्यक्षता राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस की तत्परता और जवाबदेही बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि "घरेलू हिंसा की समस्याएं हमारे पास सबसे अधिक आती हैं। हमारा प्रदेश बहुत बड़ा है, जहां करीब 25 करोड़ की आबादी में 12 करोड़ महिलाएं हैं। ऐसे में महिलाओं की समस्याओं को समय पर सुनना और समाधान देना बेहद ज़रूरी है।"

पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार

बैठक में यह मुद्दा प्रमुख रूप से उठा कि पुलिस थानों में महिलाएं जब अपनी शिकायत लेकर पहुंचती हैं, तो कई बार उनकी बात सुनी ही नहीं जाती। पुलिस की ओर से तर्क दिया जाता है कि उनके पास काम का बहुत दबाव है, लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि संवेदनशील मामलों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह भी पढ़ें: UP में बिजली संकट के संकेत: 29 मई से अभियंताओं का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, 5000 इंजीनियरों को नोटिस

ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोकथाम

मानव तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले स्तर पर विशेष टास्क फोर्स बनाए जाने की मांग उठी। आयोग ने कहा कि महिलाओं और किशोरियों को बहला-फुसलाकर ट्रैफिकिंग के मामलों को सख्ती से रोकने की जरूरत है।

यौन अपराध और घरेलू हिंसा पर विशेष फोकस

बैठक में यह सहमति बनी कि रेप, छेड़छाड़, और दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में जल्द एफआईआर दर्ज हो और चार्जशीट समय पर कोर्ट में दाखिल की जाए। थानों में महिला डेस्क और प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत आयोग ने सभी जिलों में महिला हेल्प डेस्क को और सक्रिय करने पर ज़ोर दिया। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों को महिलाओं से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता से पेश आने के लिए विशेष ट्रेनिंग देने की सिफारिश की गई।

यह भी पढ़ें: लखनऊ के सरकारी दफ्तर को बम से उड़ाने की धमकी, महिला कल्याण निदेशालय में मचा हड़कंप

सुनवाई की पारदर्शिता और समयबद्धता

अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि "महिला अगर थाने में आ रही है, तो वह अंतिम उम्मीद लेकर आती है। उसकी शिकायत को गंभीरता से लेना पुलिस की ज़िम्मेदारी है। अगर समय पर कार्रवाई नहीं होगी, तो महिलाओं का कानून पर से विश्वास उठ जाएगा।"

महिला आयोग की सख्त चेतावनी: महिला आयोग ने पुलिस विभाग को चेतावनी दी है कि यदि किसी थाने से महिला की शिकायत को नजरअंदाज करने की सूचना आएगी, तो संबंधित अधिकारियों पर व्यक्तिगत कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है, और ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग अब हर महीने की जाएगी।

यह भी पढ़ें: समर स्पेशल बनी मुसाफिरों की मुसीबत: 34 घंटे लेट ट्रेनें, गर्मी की छुट्टियों में राहत की जगह परेशान

बबीता सिंह चौहान ने कहा कि "हमारे प्रदेश की आधी आबादी महिलाएं हैं। यदि कोई महिला अपनी समस्या लेकर आती है, तो उसका सम्मान करना और उसकी बात सुनना बेहद जरूरी है। पुलिस यह न कहे कि उनके पास समय नहीं है। पीड़िता को समय पर न्याय मिले, ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।"

यह भी पढ़ें: मौसम का मिजाज बदला: कहीं तेज धूप तो कहीं बारिश के आसार, हीटवेव और आंधी-बारिश की चेतावनी

सरकार से सहयोग की अपील: महिला आयोग ने सरकार से मांग की है कि महिला अपराधों की रोकथाम के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया जाए और थानों में महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।