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विधानसभा में दोबारा पास हुआ योगी का UPCOCA, ये हैं यूपीकोका से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

उत्तर प्रदेश में अपराध कम करने, गैंगस्टर, माफिया और अपराधियों की कमर कसने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सारे इंतजाम कर दिए हैं।

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अपराध कम करने, गैंगस्टर, माफिया और अपराधियों की कमर कसने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सारे इंतजाम कर दिए हैं। यह यूपीकोका महाराष्ट्र के मकोका के तर्ज पर योगी सरकार ने तैयार किया है जो यूपी में अपराधियों पर लगाम लगाएगा। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट यानी यूपीकोका कानून की बुनियाद रख दी है। अब इस यूपीकोका बिल को विधानसभा में भी पारित कर दिया गया है। आज मंगलवार को योगी सरकार ने दोबारा यूपीकोका बिल को विधानसभा में पेश किया। विधानसभा में यह यूपीकोका बिल के पास होने से उत्तर प्रदेश में अपराध और आपराधिक घटनाओं में कमी देखने को मिल सकती है।

यूपीकोका का ये है उद्देश्य

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपीकोका बिल का उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के माहौल दुरुस्त करने में अहम योगदान रहेगा। यूपीकोका के माध्यम से फिरौती के लिए अपहरण, अवैध खनन, अवैध शराब की बिक्री, बाहुबल के बूते ठेकों को हथियाना, वन क्षेत्र में अतिक्रमण और वन संपत्तियों का दोहन,वन्य जीवों का शिकार और बिक्री, फर्जी दवाओं का कारोबार, सरकारी और निजी जमीनों पर कब्जा, रंगदारी जैसे अपराधों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण लगेगा। जिससे यूपी में हो रहे अपराध को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही यूपीकोका के माध्यम से संगठित अपराध करने वाले लोगों की मदद करने वालों पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। यूपी में यह यूपीकोका लाने का एक मात्र यही उद्देश्य है।

यूपीकोका कानून के ये हैं 10 मुख्य बिन्दू

1. दरअसल, यूपीकोका कानून महाराष्ट्र के मकोका कानून के तर्ज पर तैयार किया गया है। मकोका को 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने बनाया था। इसके पीछे का मकसद मुंबई जैसे शहर में अंडरवर्ल्ड के आतंक से निपटना था। संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए ही इस कानून को बनाया गया था और अब यूपी में भी अपराध पर अंकुश लगाने के लिए यूपीकोका बनाया गया है।

2. यूपीकोका की श्रेणी में आने वाले अपराधों से निपटाने के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालय का गठन करेंगी। ताकि इन मामलों का निस्तारण जल्द हो सके।

3. यूपीकोका कानून के तहत लगातार जबरन वसूली, किडनैपिंग, हत्या या हत्या की कोशिश और दूसरे संगठित अपराध करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाया जाएगा।

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4. इन मामलों की जांच पहले कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे। ताकि कानून का गलत इस्तेमाल न हो सके।

5. यूपीकोका की श्रेणी में आने वाले अपराध के निपटाने के लिए राज्य सरकार विशेष न्यायालय का गठन करेंगी। ताकि जल्द से जल्द मामलों का निपटारा किया जा सके।

6. अपराधियों की संपत्ति राज्य सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है।

7. हालांकि, ऐसे मामलों की जांच पहले कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे ताकि कानून के गलत इस्तेमाल से बचा जा सके। यानी इसके लिए बड़े लेवल के पुलिस अधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृति मिलने के बाद पुलिस आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत केस दर्ज कर सकती है।

8. संगठित अपराध करने वाले किसी भी अपराधी को सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी।

9. अपराधियों की संपत्ति राज्य सरकार द्वारा जब्त की जा सकती है। यह कोर्ट की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा।

10. इस विधेयक के लागू होने के बाद संगठित अपराध करने वाले किसी भी अपराधी को सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी। इसमें सजा का भी काफी कठोर प्रावधान है।