किसान का बेटा बना आईएएस
इलाहाबाद के बीबीएस इंटर कॉलेज शिवकुटी के छात्र रहे अनुभव सिंह ने अपने दूसरे प्रयास में भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा में 8 वीं रैंक हासिल की है । अनुभव सिंह इलाहाबाद के रहने वाले हैं। पिछली बार उन्हें अपने पहले प्रयास में आइएस में 80वीं रैंक मिली थी। यूपी में अनुभव की सर्वश्रेष्ठ रैंक है। ग्रमीण पृष्ठभूमि से आने वाले अनुभव के पिता धनंजय सिंह एक किसान हैं जबकि मां सुषमा सिंह एक कॉलेज में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत हैं। दो भाई बहनों में छोटे अनुभव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले की हंडिया तहसील के एक छोटे से गांव दसेर से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए शहर का रुख किया।
इलाहाबाद के बीबीएस इंटर कॉलेज शिवकुटी के छात्र रहे अनुभव सिंह ने अपने दूसरे प्रयास में भारतीय सिविल सर्विसेज परीक्षा में 8 वीं रैंक हासिल की है । अनुभव सिंह इलाहाबाद के रहने वाले हैं। पिछली बार उन्हें अपने पहले प्रयास में आइएस में 80वीं रैंक मिली थी। यूपी में अनुभव की सर्वश्रेष्ठ रैंक है। ग्रमीण पृष्ठभूमि से आने वाले अनुभव के पिता धनंजय सिंह एक किसान हैं जबकि मां सुषमा सिंह एक कॉलेज में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत हैं। दो भाई बहनों में छोटे अनुभव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले की हंडिया तहसील के एक छोटे से गांव दसेर से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए शहर का रुख किया।
आईपीएस के बाद बने आईएएस
शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ.निशीथ राय के दामाद मनीष कुमार ने 84वीं रैंक प्राप्त की। 2015 में आईपीएस के बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की है। संघर्षों के बीच मनीष ने मिलर हाईस्कूल पटना से हाईस्कूल और यहीं के राम कृष्ण द्वारिका इंटर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई कभ्। एनआईटी भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भेल में डिजाइन इंजीनियर बने। इसके बाद रेलवे में भी नौकरी मिली और 2015 में आईपीएस चयनित होकर हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रहे हैं। मनीष ने कहा कि मैं आईएएस ज्वाइन करूंगा और गांव, गरीब, ग्रामीण के विकास के लिए काम करूंगा।
शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ.निशीथ राय के दामाद मनीष कुमार ने 84वीं रैंक प्राप्त की। 2015 में आईपीएस के बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की है। संघर्षों के बीच मनीष ने मिलर हाईस्कूल पटना से हाईस्कूल और यहीं के राम कृष्ण द्वारिका इंटर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई कभ्। एनआईटी भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भेल में डिजाइन इंजीनियर बने। इसके बाद रेलवे में भी नौकरी मिली और 2015 में आईपीएस चयनित होकर हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रहे हैं। मनीष ने कहा कि मैं आईएएस ज्वाइन करूंगा और गांव, गरीब, ग्रामीण के विकास के लिए काम करूंगा।
आईआईटी के बाद पाई सिविल सर्विसेज में सफलता राजधानी के आशियाना इलाके की रहने वाले संदीप भागिया ने अखिल भारतीय स्तर पर 30वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने पांचवें और अन्तिम प्रयास में यह सफलता हासिल की है। वर्तमान में वह इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज में कार्यरत हैं। 29 वर्षीय संदीप ने आशियाना स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।संदीप कहते हैं कि सफलता पाने के लिए एक लक्ष्य तय करें। हो सकता है कि उस लक्ष्य को पाने में कई बार असफलता हासिल हो। लेकिन, इससे परेशान होने या रुकने की जरूरत नहीं है। पढ़ाई के साथ खेलकूद पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
भाई से मिली प्रेरणा तो पाई सफलता राजधानी के पलाश ने 112 रैंक अर्जित की। घर में भी पलाश को तैयारी में खूब साथ मिला। पिता देशराज बंसल आईएफएस से सेवानिवृत्त हैं।पलाश ने लामार्ट से हाईस्कूल व दिल्ली स्थित डीपीएस से इंटर की पढ़ाई की। वर्ष 2016 में आईआईटी कानपुर से एमएससी इकोनॉमिक्स की पढ़ाई खत्म करने के बाद वे पूरी तरह से सिविल सर्विसेस की तैयारी में जुट गए। पलाश ने बताया कि उसने हमेशा फोकस रहकर पढ़ाई की। पलाश ने बताया कि कोचिंग के साथ अन्य किताबों के जरिए खुद के नोट्स तैयार किए। समय-समय पर अभ्यास के साथ रीविजन भी करते रहे।
105 रैंक के बाद भी नहीं है संतुष्ठ लखनऊ की अंकिता मिश्रा अंकिता मिश्रा 105 रैंक के बावजूद अभी अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं हैं। अंकिता एक बार और प्रयास करेंगी। क्योंकि वो बेहतर पोजीशन लाकर सामाजिक समस्याओं और महिला सशक्तीकरण के लिए काम करना चाहती हैं। हाल की लड़कियों के साथ हुई घटना से आहत अंकिता इसके लिए सख्त कदम उठाएंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं अंदर तक झकझोर देती हैं। इन्हें रोकने के लिए कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने का काम करूंगी। अंकिता के पिता बीके मिश्रा बिजनेसमैन हैं।
स्वर्गीय पिता की इच्छा पूरी की- 117 रैंक हासिल करने वाले सूरज ने बताया कि उनके स्वर्गीय पिता महेंद्र राय की इच्छा थी की वो आईएएस बने। अपने तीसरे प्रयास में सूरज ने अपने पिता के सपना को पूरा करने में कामयाबी हासिल की है। इससे पहले इनका चयन एसएसबी में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में हो चुका है।
लखनऊ के अंकुर ने भी किया नाम रोशन- वहीं लखनऊ के अंकुर तिवारी ने 543वीं पोजीशन हासिल की। इनके पिता अवधेश तिवारी एलडीए में अधिशासी अभियंता हैं। अंकुर तिवारी का ये तीसरा प्रयास था। वे सेल्फ स्टडी करते थे। इससे पहले एनएमडीसी में चयन हुआ था।इन्होंने बिट्स पिलानी से बीटेक केमिकल इंजिनीयरिंग से किया है।
ये रहे यूपी के अन्य टॉपर्स- मुरादाबाद के साद मियां खान ने 25वीं रैंक हासिल की है। आगरा के उत्सव गौतम ने 33वीं रैंक हासिल की तो वहीं के वैभव शर्मा ने 189वें पायदान पर रहे। विधायक फरीदपुर डॉ श्याम बिहारी लाल की बेटी शिल्पा ने 887 रैंक हासिल की है।
ऐसे चेक करें रिजल्ट- उम्मीदवार रिजल्ट UPSC की ऑफिशिल वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। इस साल सभी कैटेगरी के लिए कुल 990 सीटों के लिए नियुक्ति होगी। इसमें 750 पुरुष तो 240 महिलाएं शामिल होंगी। 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2017 के बीच में ये परीक्षाएं हुई थी।