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Admission: उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में क्यों घटेंगी सीटें, बड़ी बदलाव की जनिए वजह

Uttar Pradesh POlytechnic Update: उत्तर प्रदेश की राजकीय और अनुदानिक पॉलिटेक्निक में सीटें घटाई जाएंगी। यादि आप भी पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेने जा रहे हो तो जान लीजिए करीब 600 तक सीटें कम करने की संभावना है। शासन को पत्र भेज दिया गया है।

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लखनऊ

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Snigdha Singh

Apr 04, 2022

UP Polytechnic

Uttar Pradesh Polytechnic College Admission Seats Reduce

प्रदेश की पॉलिटेक्निक संस्थानों में सीटें घटने जा रही हैं। दरअसल, प्रवेश क्षमता के मुकाबले शिक्षकों की संख्या काफी कम है। ऐसे में इस बार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) इन संस्थानों पर सीट घटाने की कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए शासन को पत्र भी भेजा गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 165 पॉलिटेक्निक हैं। जिनमें नए शिक्षकों की भर्ती ना होने से मात्र 1487 शिक्षक ही शेष रह गए हैं। सीटे घटने की सबसे बड़ी वजह शिक्षकों की भर्ती नहीं होना है। एआईसीटीई ने शासन को पत्र भेजकर सीटे घटाने या शिक्षकों की भर्ती पर बात की है। नए सत्र के पहले ही तस्वीर साफ हो जाएगी।

प्रदेश में 147 राजकीय और 18 अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थान हैं। इनकी 74 ट्रेडों में करीब 60 हजार छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी 5002 शिक्षकों के कंधे पर है । लेकिन बीते कुछ वर्षों में इनमें से 3515 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जबकि नए शिक्षकों की भर्ती ना होने से 1487 शिक्षक ही शेष रह गए हैं। पॉलीटेक्निक संस्थानों में कोई भी ऐसी ट्रेड नहीं है जिसमें पर्याप्त शिक्षक हो। हर ट्रेड गेस्ट लेक्चरर के भरोसे चल रही है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पिछले वर्ष नवंबर माह में संस्थाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर सहायता प्राप्त संस्थाओं में शिक्षकों की बात सामने आई थी।

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करीब 600 सीटों पर मंडरा रहे संकट के बादल

रिपोर्ट के आधार पर ही सहायता प्राप्त संस्थाओं की दूसरी पाली पर अस्थाई रोक लगा दी गई थी। सहायता प्राप्त संस्थान दूसरी पाली में करीब 600 सीटों पर छात्रों का प्रवेश लेते हैं। परिषद की ओर से ऐसे सभी संस्थानों से अपना पक्ष भी रखने को कहा गया था। हालांकि सूत्रों की माने तो तकनीकी शिक्षा परिषद ने संस्थाओं के पक्ष को खारिज कर दिया है। इसलिए आशंका है कि अगस्त से शुरू होने वाले नए सत्र में भी दूसरी पाली में प्रवेश नहीं होंगे। इन पर रोक जारी रह सकती है। वहीं निदेशक प्राविधिक शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि उम्मीद है सीटें कम नहीं होंगी। व्यवस्थाओं में सुधारकर जल्द ही और अधिक सीटें बढ़ाने के लिए प्रयास किया।


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