
चमोली एवलांच में लापता श्रमिकों की तलाश में सेना जुटी हुई है
Uttarakhand Avalanche:उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के निकट माणा में शुक्रवार को एवलांच आ गया था। उस वक्त बीआरओ कैंप के पास 54 श्रमिक निर्माण कार्य के लिए कंटेनरों में ठहरे हुए थे। अचानक आए एवलांच के कारण श्रमिकों को संभलने का मौका नहीं मिल पाया और वह बर्फ के पहाड़ के नीचे दब गए थे। सूचना मिलते ही सेना सहित तमाम एजेंसियों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था। पहले दिन ही करीब 32 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया था। शनिवार सुबह दोबारा शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बर्फ में दबे 14 और श्रमिकों को सकुशल बरामद कर लिया गया था। उसके बाद बर्फ में दबे चार श्रमिकों के शव बरामद किए गए थे। बावजूद इसके सेना लापता चल रहे पांच श्रमिकों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी। शनिवार रात आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट में चौंकाने वाली जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि अब केवल चार लोग ही लापता हैं। हिमाचल के गांव दुमाल, फतेहपुर कांगड़ा निवासी सुनील कुमार अपने गांव सुरक्षित पहुंच गया है।
हिमाचल निवासी सुनील एवलांच से पहले ही घर चला गया था। लेकिन बीआरओ को इसकी जानकारी ही नहीं थी। शनिवार को चमोली के डीएम के निर्देश पर जब बीआरओ अफसरों ने सुनील के परिजनों से फोन पर बात की गई तब यह खुलासा हुआ। सुनील पूर्व में ही अपने गांव चला गया था, लेकिन अफसरों को इसकी जानकारी नहीं थी। इसी के चलते सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां उसे बर्फ के नीचे खोजने की कोशिशों में जुटी रहीं। लोग इसे अफसरों की लापरवाही बता रहे हैं।
चमोली एवलांच में गायब चल रहे चार श्रमिकों की तलाश में सेना सहित तमाम एजेंसियां जुटी हुई हैं। आज रेस्क्यू का तीसरा दिन है। पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक अभी चार लोग लापता हैं। सेना उसी के लिए बचाव अभियान पर है। अब सर्च ऑपरेशन में ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट ब्यूरिड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के दो कर्मी और हिमस्खलन बचाव डॉग, रॉबिन भी तैनात है। कह कि सेना के पास थल सेना, वायु सेना और नागरिक हेलीकॉप्टर हैं जो बचाव अभियान में जुटे हुए हैं।
Updated on:
02 Mar 2025 12:54 pm
Published on:
02 Mar 2025 12:38 pm
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