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पुरानी गाड़ियां हो जाएंगी कबाड़, स्क्रैप पॉलिसी में वाहन मालिकों को रोड टैक्स के साथ-साथ और क्या मिलेंगे लाभ

आसान शब्दों में कहें तो स्क्रैप पॉलिसी के तहत कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएगी और निजी गाड़ियां 20 साल के बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएंगी। पॉलिसी में वाहन के फिटनेस टेस्ट का भी प्रावधान है। पुराने वाहनों को फिटनेस से गुजरना होगा।

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Vehicle Scrap Policy Rules and Benefits

Vehicle Scrap Policy Rules and Benefits

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को यूपी में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके लागू होने से कबाड़ पड़ी गाड़ियों को पॉलिसी के तहत स्क्रैप कर दिया जाएगा। इसका फायदा न सिर्फ मोटर वाहन कंपनियों को मिलेगा बल्कि वाहन मालिक भी लाभ के हकदार होंगे। स्क्रैप पॉलिसी के तहत पुराने और अनफिट वाहनों को हटा दिया जाएगा। इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी। ऑटोमोटिव बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और पुराने वाहनों के साथ जुड़े खतरों को भी कम किया जा सकेगा। आसान शब्दों में कहें तो इस पॉलिसी के तहत कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएगी और निजी गाड़ियां 20 साल के बाद कबाड़ घोषित कर दी जाएंगी। पॉलिसी में वाहन के फिटनेस टेस्ट का भी प्रावधान है। पुराने वाहनों को फिटनेस से गुजरना होगा। फेल होने वाले वाहनों को हटा दिया जाएगा।

पांच साल के लिए लागू होते हैं फिटनेस सर्टिफिकेट

प्रत्येक फिटनेस सर्टिफिकेट पांच साल के लिए लागू होता है। जिसके बाद वाहन के मालिक को एक और फिटनेस टेस्ट करवाना होगा। ऐसे में वाहन मालिकों को 15वें साल में फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। अगर टेस्ट में पास होते हैं, तो वाहन रजिस्ट्रेशन पांच साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा। इस दौरान रोड टैक्स और संभावित "ग्रीन टैक्स" भी देना होगा।

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रोड टैक्स में मिलेगी छूट?

नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत नई गाड़ी लेने पर रोड टैक्स में तीन साल के लिए 25 फीसदी तक छूट की बात कही गई है। राज्य सरकारें प्राइवेट गाड़ियों पर 25 परसेंट और कर्मशियल पर 15 परसेंट तक छूट दे सकती है।

सरकार को क्या फायदा होगा

जब लोग पुरानी गाड़ियां स्क्रैप करेंगे और नई गाड़ियां खरीदेंगे तो इससे सालाना करीब 40,000 करोड़ का जीएसटी आएगा। इससे सरकार में रेवेन्यू में भी बढ़ोत्तरी होगी। स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे। इसके तहत 15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और उनके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं हैं।

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वाहन मालिकों को मिलेंगे फायदे

स्क्रैप नीति के तहत नकद हो चुकी गाड़ी की कुल कीमत का छह फीसदी नकद पैसा मिलेगा। एक प्रमाण पत्र मिलेगा जिसे दिखाकर वाहन खरीद पर पांच फीसदी टैक्स में भी छूट हासिल होगी। पुराने वाहनों के बार-बार मरम्मत में पैसा खर्च नहीं होगा। पुराने हो चुके व अनफिट वाहनों से सड़क दुर्घटना में भी कमी आएगी।

फिटनेस टेस्ट फेल होने पर क्या होगा

व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को वॉलिएंटरी व्हीकल मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम नाम दिया है। अगर कोई गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती है, तो उसे देश में 60-70 रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में अपनी गाड़ी जमा करना है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू

अपर आयुक्त परिवहन (आईटी) देवेंद्र कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, परिवहन विभाग की वेबसाइट पर छह तरह के लोग वाहन को स्क्रैप घोषित करने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू कर दी है। इसमें कोई भी व्यक्ति, फर्म, संस्था, ट्रस्ट वेबसाइट www.ppe.nsws.gov.in/ scrappagepolicy पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही 100 रुपये के स्टांप पर चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी कागजों को भी अपलोड करना होगा।