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विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, क्यों दृष्टि IAS की जॉब से निकाले गए नेहा सिंह राठौर के पति

Neha Singh Rathore : विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि ये फैसला फरवरी 20 तारीख की शाम को हमारी टीम ने किया। इसके बाद ही यूपी पुलिस ने नेहा को नोटिस दिया था।

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लखनऊ

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Adarsh Shivam

Mar 21, 2023

Neha Singh Rathore and vikas divyakirt

बाएं से विकास दिव्यकीर्ति और दाएं नेहा सिंह राठौर

एक निजी मीडिया चैनल जब डॉ विकास दिव्यकीर्ति से पूछा गया कि आपने नेहा सिंह राठौर के पति को जॉब से निकाला या नहीं? इस पर उन्होंने ने बताया, “नेहा जो कर रही हैं मैं उसका सम्मान करता हूं। क्योंकि लोकतंत्र में एक अच्छा विपक्ष होना जरूरी है। मैं उनसे पूरी तरह सहमत नहीं हूं क्योंकि मैं पक्ष और विपक्ष नहीं करता हूं। मैं पॉलिटिकल न्यूट्रल रहकर मूल्यांकन करना पसंद करता हूं। विपक्ष में नेहा की भूमिका काबिले तारीफ है।”

एम्प्लॉय हैंड बुक के तहत होता है सारा काम
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, “दृष्टि IAS में जो काम होता है, उसमें मनमानी भाव से काम नहीं होते हैं। क्योंकि हम कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करते हैं। अगर मैं भी चाहूं किसी को हटाना तो नहीं हटा सकता हूं। कुछ रूल्स रेगुलेशंस हैं उसी के मुताबिक काम होता है। हमारी एक एम्प्लॉय हैंड बुक है। उसके तहत सारा काम होता है।”

किसी एम्प्लॉय को हटा ही नहीं सकते हैं हम
विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, “हमारे यहां छुट्टियों के नियम कई मामलों में सरकार से भी बेहतर हैं। हम किसी कर्मचारी को हटा ही नहीं सकते हैं, जब तक हमारे पास कोई ठोस आधार न हो। ये संयोग की बात है कि कुछ ऐसे कारण थे, जिसे मैं नहीं बोलना चाहता हूं। क्योंकि ये व्यक्तिगत आक्षेप जैसा मामला होगा।”

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विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, “ये फैसला फरवरी 20 तारीख की शाम को हमारी टीम ने किया। मैं इन सभी चीजों में बहुत इन्वॉल्व होता भी नहीं हूं। ये फैसला होने के बाद यूपी पुलिस ने नेहा को नोटिस दिया। ये संयोग है कि दोनों चीजे एक साथ हो गई। इसपर कोई आरोप लगाना चाहे तो लगाएं।”

किसी पॉलिटिकल पार्टी ने फोन करके नहीं बनाया दवाब
विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, “ क्योंकि मुझे नहीं लगता की किसी राज्य के सीएम को इतनी फुरसत होगी कि वो इन चीजों में दखल देगा। साथ ही मुझे नहीं लगता की कोई फोन करके यह बोलेगा की आप ऐसा करें। मैं खुलकर यह बात कह रहा हूं कि मुझे काम करते हुए 25 साल हो गए, लेकिन आज तक किसी पॉलिटिकल पार्टी और नेता ने फोन करके दवाब बनाया हो।”

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विकास दिव्यकीर्ति ने बताया, “हां कभी-कभी सीएम MP-MLA का फोन आता है कि इस बच्चे के एडमिशन में थोड़ा फीस का देख लीजिए। किस को काम पर रखना है या नहीं रखना है इस तरह का दवाब कभी नहीं आया है। वैसे आखिर क्यों दवाब बनाया जाएगा।”