scriptVision 2030: 7 साल में 70 साल का विकास! 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना कैसे होगा साकार, समझे इनसाइड स्टोरी में | Vision 2030 How dream of making Uttar Pradesh a 1 trillion dollar economy be fulfilled Understand inside story | Patrika News
लखनऊ

Vision 2030: 7 साल में 70 साल का विकास! 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना कैसे होगा साकार, समझे इनसाइड स्टोरी में

Vision 2030: सीएम योगी ने एक साक्षात्कार में कहा कि 2030 तक यूपी 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य तक किया गया है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं की सीएम योगी और यूपी से क्या अपेक्षाएं हैं, आइए जानते हैं…

लखनऊMar 27, 2025 / 02:15 pm

Sanjana Singh

1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना कैसे होगा साकार, समझे इनसाइड स्टोरी में

1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना कैसे होगा साकार, समझे इनसाइड स्टोरी में

Vision 2030: देश के सबसे बड़े राज्य में 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए जहां सियासी दल जातिगत समीकरणों में उलझे हैं, वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि अगला चुनाव विकास और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला नया इंजन बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है। ये लक्ष्य सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि पूरे भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने के अभियान में उत्तर प्रदेश की निर्णायक भूमिका का संकेत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 1947 से 2017 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था जहां 12.75 लाख करोड़ रुपये पर थी, वो अब 27.5 लाख करोड़ को पार कर चुकी है। यानी जो 7 दशकों में न हो सका वो भाजपा सरकार ने पिछले 7 साल में कर दिया।
सीएम योगी का लक्ष्य बड़ा और उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी, आज की स्टोरी में हम हर वर्ग से समझने की कोशिश करेंगे की आखिर योगी के 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का सपना किन-किन बाधाओं को पार करने के बाद साकार होगा। इसी विषय पर पत्रिका ने अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े युवाओं से बात की और उनकी राय जानी। आइए, जानते हैं कि युवाओं के सपनों में कैसा दिखता है भविष्य का उत्तर प्रदेश।
पत्रिका ने ‘Vision 2030’ को लेकर शिक्षक अभिनव सिंह से कुछ सवाल किए, जिनके उन्होंने जवाब दिए। अभिनव सिंह बलिया के रसड़ा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और प्राइवेट टीचर हैं। 

Vision 2030
सवाल: क्या 2030 तक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर को न्यूनतम किया जा सकेगा?
जवाब: हकीकत देखें तो मौके कम नजर आ रहे हैं। दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर काफी सीमित हैं। अगर 2030 की बात करें, तो हर क्षेत्र में नौकरी के पर्याप्त अवसर होने चाहिए ताकि बेरोजगारी कम हो सके और इसका अनुपात भी नियंत्रित रखा जा सके।
सवाल: उत्तर प्रदेश के गांवों में 2030 तक विकास कैसे हो सकता है, ताकि वहां के लोग भी शहरों जैसी सुविधाओं का फायदा उठा सकें?

जवाब: अगर देखा जाए तो गांवों में विकास तो हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं उनकी पहुंच से बाहर हैं, जैसे वाईफाई और डिजिटल माध्यमों तक आसान पहुंच। अगर ये सुविधाएं गांवों में उपलब्ध हो जाएं, तो वहां के बच्चों को भी 21वीं सदी के बाकी लोगों की तरह समान अवसर मिल सकेंगे, जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके।
सवाल: क्या उत्तर प्रदेश में 2030 तक महिलाओं और लड़कियों को समान अधिकार और अवसर मिल सकेंगे? इसके लिए क्या बदलाव जरूरी है?

जवाब: आज भी कई सेक्टर और शिक्षा के क्षेत्र ऐसे हैं जहां महिलाओं और लड़कियों को उचित अवसर नहीं मिलते, और अगर मिलते भी हैं, तो उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जिसका वे हकदार हैं। इसलिए, 2030 तक उत्तर प्रदेश में इन मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि महिलाओं को समान अधिकार और अवसर मिल सकें और वे समाज में अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ सकें।
सवाल: साल 2030 तक एक शिक्षक के रूप में आप उत्तर प्रदेश को कैसा देखना चाहते हैं?

जवाब: स्पष्ट रूप से कहें तो केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में, जहां गरीबी के बावजूद हाईटेक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहीं समानता के आधार पर भी लोगों को बेहतर अवसर मिलते हैं। ऐसे मॉडल को अपनाकर उत्तर प्रदेश में भी 2030 तक समानता और विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।
पत्रिका ने ‘Vision 2030’ को लेकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र गौरव दुबे से बातचीत की। गौरव दूबे बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। फिलहाल, वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से M.Com की पढ़ाई कर रहे हैं। 
Vision 2030
सवाल: 2030 तक उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? 

जवाब: 2030 तक शिक्षा में सुधार के लिए सरकारी स्कूलों में और अधिक सख्त नियम लागू करने चाहिए, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, छात्रों को डिजिटल दुनिया से जोड़ना चाहिए। कॉलेज के छात्रों के लिए स्किल बेस्ड कोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जाने चाहिए। इसके अलावा, शिक्षा प्रणाली का मानकीकरण (Standardisation of Education System) किया जाना चाहिए ताकि सभी छात्रों को समान अवसर और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके।
सवाल: क्या आप सोचते हैं कि डिजिटल शिक्षा का ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा?

जवाब: हां, डिजिटल शिक्षा का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का युग है। इस दौर में कंपटीशन और विकास के लिए छात्रों को डिजिटल शिक्षा का सही उपयोग करना आना चाहिए, जिससे वे नई तकनीकों के अनुरूप खुद को विकसित कर सकें और भविष्य के अवसरों का लाभ उठा सकें।
सवाल: उत्तर प्रदेश में 2030 तक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं? 

जवाब: 2030 तक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकारी पदों का सही अवलोकन आवश्यक है। इसके साथ ही, भर्ती और चयन की एक सशक्त और पारदर्शी प्रणाली होनी चाहिए, जिससे योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर मिले, जिससे बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सके।
सवाल: साल 2030 तक आप उत्तर प्रदेश को कैसा देखना चाहते हैं?

जवाब: 2030 तक मैं उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य के रूप में देखना चाहूंगा, जहां लोगों के पास बेहतर जीवनशैली हो। राज्य में विकास और प्रगति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों, जिससे यहां के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने के बजाय अपने ही राज्य में सफल करियर बना सकें। 2030 तक राज्य में आधुनिक परिवहन, स्वच्छता, सुरक्षा और पर्यटन स्थलों पर उच्चस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाना चाहिए, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को एक बेहतर अनुभव मिल सके।
पत्रिका ने ‘Vision 2030’ को लेकर ऋचा पायल से बातचीत की। ऋचा पायल मेरठ से ताल्लुक रखती हैं और फिलहाल वह दिल्ली में सरकारी नौकरी की तैयारी करती हैं। 

Vision 2030
सवाल: आपको क्या लगता है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कौन से कदम उठाए जाने चाहिए?
जवाब: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आवेदन को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाए। परीक्षा और साक्षात्कार के नतीजे समय पर और साफ-साफ जारी हों। उम्मीदवारों को हर चरण की पूरी जानकारी मिले। साक्षात्कार निष्पक्ष हो, और सभी सूचनाएं स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध हों। 
सवाल: क्या आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए अधिक केंद्रों या कोचिंग संस्थानों की जरूरत है? यदि हां, तो किस तरह की सुविधाएं वहां होनी चाहिए?

जवाब: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए ज्यादा कोचिंग सेंटरों की जरूरत है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। इन केंद्रों में निःशुल्क या कम शुल्क पर कोचिंग, ऑनलाइन और ऑफलाइन पाठ्यक्रम, अनुभवी शिक्षक, मॉक टेस्ट, और समय प्रबंधन सत्र जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। खासतौर पर विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञान पर ध्यान दिया जाए, ताकि सभी छात्रों को बेहतर तैयारी का मौका मिल सके।
सवाल: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए क्या सरकार को कुछ विशेष योजनाएं या कार्यक्रम शुरू करने चाहिए?

जवाब: सरकार को उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कुछ योजनाएं शुरू करनी चाहिए। इनमें ग्रामीण इलाकों में निशुल्क कोचिंग सेंटर, सरकारी ऐप्स और पोर्टल्स पर ऑनलाइन अध्ययन सामग्री और टेस्ट सीरीज, सफल छात्रों से प्रेरणा कार्यक्रम, गरीब छात्रों के लिए आर्थिक सहायता, साक्षात्कार की विशेष ट्रेनिंग, और छात्रों के लिए स्टडी ग्रुप बनाने की पहल शामिल होनी चाहिए। इससे सभी छात्रों को समान अवसर मिलेगा और उनकी तैयारी मजबूत होगी।
सवाल: उत्तर प्रदेश में सरकारी सेवाओं में महिलाओं के लिए और ज्यादा अवसर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं?

जवाब: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाना, सुरक्षित कार्य वातावरण बनाना, खास कोचिंग और प्रशिक्षण केंद्र खोलना, और भर्ती में प्राथमिकता देना शामिल है। सशक्तिकरण के लिए वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। साथ ही, तैयारी के लिए आर्थिक मदद और स्कॉलरशिप देकर उन्हें सपोर्ट किया जाए।
सवाल: आपको क्या लगता है कि 2030 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार को कौन से कदम उठाने चाहिए?

जवाब: 2030 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार को कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। नई रोजगार नीति बनाई जाए और IT, AI जैसे तकनीकी क्षेत्रों में नई नौकरियां शुरू की जाएं। युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए शैक्षिक संस्थानों के साथ काम किया जाए। ग्राम पंचायतों और नगर निगमों में ज्यादा नौकरियां दी जाएं। महिलाओं और दिव्यांगों के लिए खास योजनाएं शुरू हों। कौशल विकास केंद्र और रोजगार मेले लगाए जाएं, और भर्ती के लिए एक पारदर्शी डिजिटल पोर्टल शुरू किया जाए।
सवाल: क्या आपको लगता है कि 2030 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के कार्यस्थल का माहौल और सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए? यदि हां, तो किस प्रकार से बदलाव होने चाहिए?

जवाब: 2030 तक उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल का माहौल और सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए। इसके लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण, लचीले कार्य घंटे और वर्क-फ्रॉम-होम की सुविधा दी जाए। तेज इंटरनेट और आधुनिक उपकरणों के साथ काम को आसान बनाया जाए। नियमित स्वास्थ्य जांच और मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिले। महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल और शौचालय सुविधाएं सुनिश्चित हों। कौशल विकास और प्रशिक्षण के अवसर बढ़ें, और प्रमोशन प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत हो।
पत्रिका ने ‘Vision 2030’ को लेकर आशुतोष गौतम से बातचीत की। आशुतोष गौतम एक सिविल कांट्रेक्टर हैं और वह यूपी के गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं। 

Vision 2030
सवाल: उत्तर प्रदेश में 2030 तक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं?
जवाब: 2030 तक उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के लिए उन्हें AI जैसी नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए। IT सेक्टर और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिले। कौशल विकास केंद्र और रोजगार मेले शुरू किए जाएं। ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देकर भी नए अवसर बनाए जा सकते हैं।
सवाल: 2030 तक उत्तर प्रदेश में युवाओं को राजनीति और सामाजिक परिवर्तन में अधिक भागीदारी कैसे दी जा सकती है? क्या कॉलेजों में इस दिशा में कोई बदलाव होना चाहिए?

जवाब: 2030 तक उत्तर प्रदेश में युवाओं को राजनीति और सामाजिक बदलाव में अधिक भागीदारी देने के लिए जरूरी है कि उन्हें राजनीति और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाए। हमारे राज्य में कई लोग नहीं जानते कि सांसद (MP) और विधायक (MLA) क्या काम करते हैं। कॉलेजों और स्कूलों में इसके बारे में पढ़ाई होनी चाहिए, ताकि युवा अपनी जिम्मेदारियों और अधिकारों को समझ सकें और बदलाव में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
सवाल: साल 2030 तक एक सिविल कांट्रेक्टर के रूप में आप उत्तर प्रदेश को कैसा देखना चाहते हैं?

जवाब: साल 2030 तक, मैं उत्तर प्रदेश को एक साफ-सुथरा, भ्रष्टाचार-मुक्त, पूरी तरह डिजिटल और हर विभागीय कार्यालय से दलालों से मुक्त देखना चाहता हूं। ऐसा प्रदेश जहां जनता को सभी सेवाएं आसानी से और पारदर्शी तरीके से मिलें।

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