
Prashant
लखनऊ. एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवार के हत्यारोपी प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार को लखनऊ जेल भेजा गया है। आखिर उसके एक गलत कदम ने कई जिंदगियां जो बर्बाद कर दी हैं। विवेक तिवारी खुद में सक्षम और परिवार में इकलौता कमाने वाला था, लेकिन उसकी मौत से एक पल के लिए पूरा परिवार सड़क पर आ गया, हालांकि सरकार ने उनकी जिम्मेदारी उठाई और उनके दुख को कम करने के लिए उन्हें आर्थिक मदद दी।
बैरक में बंद प्रशांत-
वहीं प्रशांत चौधरी, था तो केवल एक सिपाही, लेकिन वह भी एक संपन्न परिवार से था। उसकी कॉन्स्टेबल पत्नी राखी भी मेरठ में एक बड़े परिवार से ताल्लुक रखती है। बताया जा रहा है कि राखी मलिक की वहां के एक गांव में ही करीब 80 बीघा जमीन है, जिसपर सिर्फ गन्ने की ही खेती होती है। जमीन की कीमत करीब 32 करोड़ आंकी गई है, जिससे करीब 10 लाख रुपये साल की आमदनी है। वहीं इनकी कई अन्य संपत्तियां भी हैं। लेकिन 29 सितंबर की रात को एक खाकीदार होने के अहम ने उसके पति प्रशांत को जेल पहुंचा दिया। ऐशो आराम की जिंदगी जीने वाला प्रशांत चौधरी अब लखनऊ की जेल की एक बैरक में बंद है।
कैदियों जैसा हो रहा व्यवहार-
सूत्रों की माने तो उसके साथ कैदियों जौसा ही व्यवहार किया जा रहा है। उसकी रातें जेल की बैरक में बीत रही हैं, जहां पूर्व की तरह पत्नी व परिवार के साथ वो स्वादिष्ट भोजन का लुफ्त नहीं उठाता सकता बल्कि दो वक्त जेल का सादा खाना ही खा सकता है। यहां उसे चैन की नींद सुलाने वाला आरामदायक बिस्तर नहीं बल्कि सिर्फ सपाट जमीन मिल रही है जो फिलहाल उसे कांटे की तरह चुभ रहा होगा। मूंछों को ताव देने वाला, अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर 'द रोयल जाट' लिखने वाला व बेशर्मी से 'पुलिस कुछ भी कर सकती है' जैसे बयान देने वाला सिपाही प्रशांत आखिरकार अब असहाय है। मामले से बच निकलने के सारे दरवाजें फिलहाल बंद हैं।
बहरहाल, अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है। मंगलवार को ही उसे सख्त से सख्त सजा दिए जाने की कवायद शुरू हो गई है। गोमतीनगर में मौका-ए-वारदात पर एसआईटी की टीम ने घटना का नाट्य रुपांतरण कर सच्चाई के करीब जाने की कोशिश की है। प्रशांत चौधरी पर धारा 302 पहले ही लगाई जा चुकी है। देखना है आगे क्या होता है।
Published on:
03 Oct 2018 06:47 pm
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