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सार्वजनिक हुई विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, गाड़ी के बोनट पर चढ़कर मारी थी सिपाही ने गोली

एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को पुलिस सिपाही प्रशांत चौधरी ने ऐसे गोली मारी थी।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Oct 01, 2018

vivek postmortem

vivek postmortem

लखनऊ. एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को पुलिस सिपाही प्रशांत चौधरी ने ऊचाई से या संभवतः कार के बोनट पर चढ़कर गोली मारी थी। सोमवार को सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है जिसने पुलिस द्वारा रची गई कहनी को झूठा साबित कर दिया है। सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई और खुलासे किए गए हैं जिसने हत्याकांड की पूरी तस्वीर साफ कर दी है।

इस रेंज से मारी थी गोली-

जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आज सार्वजनिक की गई है उसमें बताया गया है कि विवेक को चेहरे के बांई तरफ प्वॉइंट-ब्लैंक रेंज से सिपाही द्वारा गोली मारी गई थी। इस तथ्य ने पुलिस के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें शुरुआत में बताया था कि विवेक को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो अपनी कार को पीछे करने की कोशिश कर रहे थे।

ऊंचाई या जगह से चलाई गई गोली-

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी में यह भी उजागर हुआ है कि विवेक के शरीर में गोली ऊपर से नीचे की तरफ गई थी, इसका मतलब है कि कांस्टेबल ने किसी ऊंची जगह से या संभवतः गाड़ी के बोनट पर चढ़कर विवेक को गोली मारी थी। आपको बता दें कि दोषी प्रशांत को शरीर पर कहीं भी चोट नहीं लगी थी और न ही वो गाड़ी की टक्कर से नीचे सड़क पर गिरा था। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि प्रशांत ने विवेक को काफ़ी नजदीक से गोली मारी थी। ये गोली विवेक के शरीर में धँस गई थी।

2.25 पर हुई थी विवेक की मौत-

विवेक तिवारी का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों जितेन्द्र श्रीवास्तव और प्रवीण कुमार शर्मा की टीम ने किया था। 28 व 29 सितंबर की दरम्यानी रात करीब 2 बज कर 5 मिनट पर गोमती नगर के लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां 20 मिनट बाद यानी 2.25 मिनट पर उनकी मौत हो गई। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में सिर्फ़ गोली लगने के ही ज़ख़्म हैं।

अब तो बुरी फंसी पुलिस-

ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिसवालों की तरफ से आखिर विवेक की पत्नी को 3 बजे तक क्यों नहीं बताया गया कि उनके पति की मौत हो गई है। पुलिस ने पहली FIR विवेक की मौत के 2 घंटे 32 मिनट बाद यानी 4.57 मिनट पर लिखी। तब तक पत्नी पहुँच अस्तपाल पहुंच चुकी थी। उनके होने के बावजूद पुलिस आखिर क्यों सना के नाम से FIR लिखी। इसका मतलब साफ है कि पुलिस इतनी देर तक आरोपियों को बचाने की कोशिश करती रही। पीएम रिपोर्ट में साफ़ लिखा है कि विवेक की गोली लगने से मौत हुई थी, तो आखिर पहली FIR में ये क्यों लिखा की विवेक की कार टकराई और सर से खून निकलने लगा। साफ तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुलिस की पोल खुल गई है।