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UP Politics: 21 साल बाद विधान परिषद के उपचुनाव में होगा मतदान, 2002 के उपचुनाव में RLD ने जीती थी सीट

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों के लिए 29 मई को मतदान होगा। इससे पहले विधान परिषद के उपचुनाव में आखिरी बार 2002 में वोटिंग हुआ था। उस समय राष्ट्रीय लोक दल के मुन्ना सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव के लिए वोटिंग जरूरी करा दिया है।

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लखनऊ

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Prashant Tiwari

May 20, 2023

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दांए अखिलेश यादव बांए योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों के लिए 29 मई को मतदान होगा। इससे पहले विधान परिषद के उपचुनाव में आखिरी बार 2002 में वोटिंग हुई थी। उस समय राष्ट्रीय लोक दल के मुन्ना सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव के लिए वोटिंग जरूरी करा दिया है।

2002 में हुआ था आखिरी बार चुनाव
इससे पहले विधान परिषद के उपचुनाव में वोटिंग की नौबत नवंबर 2002 में आई थी। जब एक विधान परिषद के एमएलसी मसूद खां का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद खाली हुई सीट पर जब उप चुनाव हुआ तो रालोद ने मुन्ना सिंह चौहान को अपना प्रत्याशी बनाया। तब उनके विरोध में निर्दलीय प्रत्याशी यशवंत ने भी पर्चा दाखिल कर दिया। हालांकि 18 नवंबर 2002 को हुए मतदान में रालोद ने यह सीट जीती थी।

बहुमत के आधार पर होगा उपचुनाव
विधान परिषद का उप चुनाव वरीयता व आनुपातिक मतों के बजाय बहुमत के आधार पर होता है। यानी, जिस पार्टी के ज्यादा विधानसभा सदस्य होंगी, वहीं जीतेगा। वर्तमान में विधानसभा के 403 में से 274 सदस्य भाजपा के हैं, जो कि जीत के लिए जरूरी नंबर से कहीं ज्यादा हैं।

दोनों सीट पर था भाजपा का कब्जा
विधान परिषद की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उन दोनों ही सीटों पर पहले भाजपा का ही कब्जा था। भारतीय जनता पार्टी के MLC बनवारी लाल के निधन और लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम का राज्यपाल बनने के बाद ही दोनों सीट खाली हो गई थी। लक्ष्मण आचार्य का कार्यकाल जहां जनवरी 2027 तक था। वहीं, बनवारी लाल का कार्यकाल जुलाई 2028 में पूरा होने वाला था। भाजपा ने उपचुनाव के लिए पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।

उपचुनाव के लिए सपा ने उतारा है प्रत्याशी
विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए सपा ने पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर और रामकरण निर्मल को उम्मीदवार बनाया है। इस वजह से विधान परिषद उपचुनाव में करीब 21 साल बाद मतदान की नौबत आई है।

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29 मई को आएंगे नतीजे
विधान परिषद के उपचुनाव के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ने बताया था कि दोनों सीटों के लिए ही 11 मई से 18 मई तक नामांकन होगा।वहीं, 22 मई तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 29 मई को इस सीट पर चुनाव होगा और इसी दिन नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा।